उत्पादन बढाने के लिए ऑटो सेक्टर में 26,000 करोड़ रुपये की PLI योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इलेक्ट्रिक व्हीकल और हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल्स का उप्तादन बढ़ाने के लिए लगभग 26,000 करोड़ रुपये की नई प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेटिव्ज (PLI) योजना को हरी झंडी दिखाई है। सरकार का अनुमान है कि इससे ऑटो सेक्टर में 7.5 लाख नौकरियों का सृजन होगा। पिछले साल सरकार ने संकट से जूझ रहे ऑटो और ऑटो कम्पोनेट सेक्टर के लिए पांच साल की खातिर 57,043 करोड़ रुपये के प्रावधान वाली योजना की घोषणा की थी।
दो लाख करोड़ के ओवरऑल PLI का हिस्सा आज का ऐलान
PLI योजना के तहत आने वाले ऑटो कम्पोनेट सेगमेंट में इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन असेंबली, सनरूफ, सेंसर्स, सुपरकैपेसिटर्स, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, अडेप्टिव फ्रंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग और कॉलेजिन वार्निंग सिस्टम कवर होंगे। NDTV के अनुसार, ऑटो सेक्टर के लिए यह PLI स्कीम इस साल के बजट में 13 सेक्टरों के लिए घोषित लगभग दो लाख करोड़ रुपये के ओवरऑल PLI का हिस्सा है। गौरतलब है कि ऑटो सेक्टर लंबे समय से मंदी से जूझ रहा है।
प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मददगार होगी PLI योजना- SIAM
इससे पहले सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) ने कहा था कि PLI योजना बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद करेगी और यह सेक्टर के विकास को और मजबूत देगी। दूसरी तरफ केंद्रीय कैबिनेट से इन्सेटिव स्कीम की मंजूरी मिलने के बाद ऑटो कम्पोनेट निर्माता कंपनियों की शेयरों में तेजी देखी गई। ऐक्सल निर्माता कंपनी जामना ऑटो के शेयरों में 9 प्रतिशत, वेरोक इंजीनियरिंग के शेयरों में 18 प्रतिशत और प्रिकोल एडवांस के शेयरों में 5 प्रतिशत उछाल देखा गया।
GDP में ऑटो सेक्टर का बढ़ेगा योगदान
सरकार की योजना देश की GDP में ऑटो सेक्टर का योगदान बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने की है, जो अभी 7.1 प्रतिशत है। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार भारत में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कम्पोनेट और ड्रोन सेक्टर के लिए PLI योजना लेकर आई है। इस योजना में 26,058 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अनुमान है कि पांच वर्षों में लगभग 47,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा।
टेलीकॉम सेक्टर के भी बड़े ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में टेलीकॉम सेक्टर के लिए भी राहत का ऐलान किया गया है। सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दी है। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों के बकाये पर चार साल के मॉरेटोरियम को मंजूरी दी गई है। साथ ही अब स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान 30 साल में और बिजनेस मॉडल में बदलाव होने के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर किया जा सकेगा।