देश के 10 प्रतिशत अमीर लोगों के पास है आधी से अधिक संपत्ति- सर्वे
देश के 10 प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास देश की आधी से अधिक वित्तीय संपत्ति और भौतिक सुविधाए हैं। नेशनल सैंपल सर्वे के ऑल इंडिया डेट और इन्वेस्टमेंट सर्वे, 2019 से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में कुल संपत्ति का 55.7 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 50.8 प्रतिशत का मालिकाना हक 10 प्रतिशत अमीर लोगों के पास है। वहीं कम सुविधा संपन्न 50 प्रतिशत लोगों के पास लगभग 10 प्रतिशत संपत्ति का मालिकाना हक है।
कैसे की गई संपत्ति की गणना?
इस संपत्ति की गणना परिवार के स्वामित्व वाली हर चीज की कीमत तय कर की गई है। इनमें भौतिक संपत्ति जैसे जमीन, घर, पशुधन और वाहन के साथ-साथ बैंकों और डाकघर में जमा पैसे और कंपनियों में शेयर आदि को शामिल किया गया है।
2019 में किया गया था सर्वे
TOI के अनुसार, जनवरी से दिसंबर, 2019 के बीच किए गए इस सर्वे में सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 274.6 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जिसमें से 139.6 लाख करोड़ के मालिक 10 प्रतिशत सबसे अमीर लोग थे। ग्रामीण क्षेत्रों में निचले 50 प्रतिशत के पास 10.2 प्रतिशत संपत्ति थी। शहरों में यह अंतर और बड़ा हो जाता है और यहां निचले 50 प्रतिशत लोगों के पास कुल संपत्ति के केवल 6.2 प्रतिशत भाग का मालिकाना हक था।
दिल्ली और पंजाब में अंतर ज्यादा बड़ा
दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में अमीरों और गरीबों के बीच अंतर और बड़ा हो जाता है। दिल्ली की कुल संपत्ति में से 80.8 प्रतिशत पर अमीर 10 प्रतिशत लोगों का हक है, जबकि निचले 50 प्रतिशत के पास केवल 2.1 प्रतिशत संपत्ति है। दिल्ली की तरह पंजाब में भी बड़ा अंतर साफ नजर आता है। यहां के 10 प्रतिशत अमीर लोगों के पास 65 प्रतिशत संपत्ति है, जबकि निचले 50 प्रतिशत के पास महज 5 प्रतिशत संपत्ति है।
जम्मू-कश्मीर में सबसे कम अंतर
उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी अमीर और गरीबों के बीच संपत्ति को लेकर बड़ा अंतर है। वहीं जम्मू-कश्मीर में यह सबसे कम है। यहां सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों के पास 32 प्रतिशत और निचले 50 प्रतिशत के पास 18 प्रतिशत संपत्ति है।
तेजी से बढ़ रही है आर्थिक असमानता- रिपोर्ट
बीते साल आई ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि देश के 70 प्रतिशत लोगों के कुल धन से चार गुना धन है। वहीं भारत के अरबपतियों का कुल धन देश के एक साल के बजट से भी ज्यादा है। रिपोर्ट में बताया गया था कि पूरे विश्व में आर्थिक असमानता तेजी से फैल रही है और अमीर लोग आम लोगों के खास तौर से गरीब लड़कियों और महिलाओं के मौके हथिया रहे हैं।