बजट: इनकम टैक्स स्लैब कितने बदले, पुरानी और नई व्यवस्था में क्या है अंतर?
क्या है खबर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को बड़ी सौगात दी।
उन्होंने ऐलान किया कि अब नई टैक्स व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये की सालाना आय तक लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा उन्होंने टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा भी की।
आइए जानते हैं कि नई टैक्स स्लैब क्या हैं और पूरी टैक्स व्यवस्था कैसे काम करेगी।
मौजूदा व्यवस्था
अभी तक क्या टैक्स व्यवस्था है?
अभी इनकम टैक्स के लिए दो टैक्स व्यवस्थाएं हैं। एक पुरानी और दूसरी नई, जिसे 2020 में लाया गया था।
पुरानी व्यवस्था में टैक्स स्लैब और टैक्स की दरें नई व्यवस्था से अलग हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार इन दोनों में से कोई भी एक व्यवस्था चुन सकता है और उसे उसी के हिसाब से टैक्स देना होगा।
हालांकि, नई व्यवस्था में जाने के बाद केवल एक बार पुरानी व्यवस्था में वापस आया जा सकता है।
टैक्स दरें
पुरानी और नई व्यवस्था में टैक्स की दरें क्या हैं?
पुरानी व्यवस्था में 2.5 लाख से पांच लाख रुपये सालान आय पर पांच प्रतिशत, पांच से 10 लाख पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।
नई टैक्स व्यवस्था में पांच से 7.5 लाख रुपये आमदनी पर 10 प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत, 12.5 से 15 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत और 15 लाख से अधिक पर 30 प्रतिशत टैक्स है।
बदलाव
अभी क्या बदलाव किया गया है?
अभी केंद्र सरकार ने केवल नई टैक्स व्यवस्था में बदलाव किया है। इसके तहत अब सात लाख रुपये आय तक टैक्स नहीं देना होगा।
स्लैब की संख्या भी घटाकर छह से पांच कर दी गई है। इसमें तीन-छह लाख रुपये आय पर पांच प्रतिशत, छह-नौ लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत, 9-12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत टैक्स, 12-15 लाख की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
नई व्यवस्था
आपके लिए कौन सी व्यवस्था सही रहेगी?
नई टैक्स व्यवस्था के नए स्लैब 1 अप्रैल, 2023 से लागू होंगे। इसके बाद कौन सी व्यवस्था चुनें, यह आपकी आय पर निर्भर करेगा।
अगर आपकी आय सात लाख रुपये तक है तो आपको नई टैक्स व्यवस्था से फायदा होगा और आपको निवेश किए बिना ही कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
नई व्यवस्था में अब नौकरीपेशा लोगों को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन और 15,000 रुपये की पारिवारिक पेंशन कटौती भी मिलेगी।
पुरानी व्यवस्था
कौन से लोगों को चुननी चाहिए पुरानी टैक्स व्यवस्था?
अगर आपकी सालाना आय सात लाख रुपये से अधिक है तो आपको दोनों व्यवस्थाओं में तुलना करके अपना विकल्प चुनना चाहिए।
नई व्यवस्था में टैक्स की दरें कम हैं, लेकिन उसमें छूट नहीं मिलेगी। इसके विपरीत पुरानी व्यवस्था में टैक्स दर अधिक है, लेकिन उसमें आप 70 से अधिक छूट प्राप्त कर सकते हैं।
पहले से ही होम लोन और घर का किराया दे रहे लोगों के लिए पुरानी व्यवस्था बेहतर साबित हो सकती है।