इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता की राह में हैं ये सबसे बड़ी समस्याएं
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के बारे में सभी की अपनी अलग राय है। कुछ लोग इन्हें पेट्रोल और डीजल का अच्छा विकल्प मानते हैं और कुछ का मानना है कि इन्हें अभी खरीदना जल्दबाजी होगी। इलेक्ट्रिक वाहन अभी अपने शुरुआती दौर में हैं और इनकी बैटरी तकनीक में अभी बहुत बदलाव होना तय है। हम इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में अभी किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें
EVs की राह में सबसे बड़ा रोड़ा इनकी अधिक कीमतें हैं। रोजमर्रा के जीवन में आपके लिए इलेक्ट्रिक कार का प्रयोग सस्ता हो सकता है, लेकिन मौजूदा समय में इन्हें खरीदना उतना ही मंहगा साबित होता है। वर्तमान में एक इलेक्ट्रिक कार की कीमत सामान्य पेट्रोल और डीजल कार के मुकाबले 80 से 100 फीसदी तक अधिक होती है। उदाहरण के लिए आप टाटा की नेक्सन को देख सकते हैं।
टाटा नेक्सन की कीमतें
नेक्सन के पेट्रोल वेरिएंट की शुरुआती एक्स शोरूम कीमत 7.59 लाख रुपये है। वहीं, इसके इलेक्ट्रिक वेरिएंट नेक्सन EV की शुरुआती एक्स शोरूम कीमत 14.99 लाख रुपये है। यानी इसका इलेक्ट्रिक वेरिएंट लगभग 7.4 लाख रुपये अधिक है।
बैटरी की कीमत भी है समस्या
EVs रखने वालों की दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत होती है इनकी बैटरी की कीमत। आज बाजार में उपलब्ध EVs की बैटरी की क्षमता समय साथ कम होती जाती है, जिससे इनकी रेंज में धीरे-धीरे गिरावट आने लगती है। इसलिए कुछ सालों बाद इनकी बैटरी का बदला जाना बेहद जरूरी होता है, लेकिन यह कोई छोटी बात नहीं है क्योंकि EVs का बैटरी पैक इन्वर्टर की बैटरी जितना सस्ता नहीं होता।
EV के बैटरी पैक की कीमत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा की इलेक्ट्रिक नेक्सन के लिये अगर आपको नया बैटरी पैक लेना पडे़ तो यह आपको सात लाख रुपये का मिलेगा। इतनी कीमत में एक नई पेट्रोल कार बड़े आराम से खरीदी जा सकती है।
बुनियादी सुविधाओं की कमी और कम रेंज
बुनियादी ढांचे की कमी EV खरीदने की सोच रहे लोगों के बीच बड़ी चिंता का विषय होती है। खराब बुनियादी सुविधाओं में न केवल चार्जिंग स्टेशनों की कमी शामिल है बल्कि घर में चार्जिंग के लिए पर्याप्त जगह और बिजली का न होना भी शामिल है। एक इलेक्ट्रिक कार को सामान्य रूप से चार्ज होने में कम से कम 8 से 10 घंटे और फास्ट चार्जर से एक से दो घंटे का समय लगता है।
इलेक्ट्रिक कार की सिंगल चार्ज रेंज
मौजूदा समय में उपलब्ध 15 से 25 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक कारें सिंगल चार्ज पर वास्तव में लगभग 250 से 300 किलोमीटर की रेंज ही दे सकती हैं। जिस कारण लॉन्ग ड्राइव या आपातकालीन स्थिति में इन पर निर्भर नहीं रहा जा सकता।
क्यों हैं इलेक्ट्रिक वाहन साधारण वाहनों से पीछे?
तापमान EVs की बैटरी के प्रदर्शन को काफी हद तक प्रभावित करता है, जिस कारण इलेक्ट्रिक वाहन उत्तराखंड और मेघालय जैसे बहुत ठंडे या राजस्थान और केरल जैसे बहुत गर्म इलाकों के लिए अनुपयुक्त साबित हो सकते हैं। 15 से 40 डिग्री के तापमान रेंज के तहत उपयोग करने पर इनकी बैटरी अपना अच्छा प्रदर्शन देती हैं। बेहतर ड्राइविंग रेंज और बुनियादी सुविधाओं के चलते पेट्रोल और डीजल इंजन (ICE) वाहन इलेक्ट्रिक वाहनों से काफी आगे हैं।
EV ठीक कराना भी चुनौती का काम
पेट्रोल और डीजल इंजन के वाहनों को प्राथमिकता दिए जाने की एक बड़ी वजह ये भी है कि गांव हो या शहर इनके खराब होने की स्थिति में मैकेनिक आपको आसानी से मिल जाएंगे, लेकिन EV को ठीक कराना लौहे के चने चबाने जैसा है।