बजट 2023 में ऑटो सेक्टर के लिए हुई ये घोषणाएं, स्क्रैप पॉलिसी पर दिया गया जोर
क्या है खबर?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में इस साल का बजट पेश कर दिया है। इसमें वित्त मंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं। निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 के भाषण में ऑटो उद्योग के लिए कुछ उपायों की घोषणा की है।
इनमें प्रदूषण को कम करने के लिए पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने पर जोर दिया गया है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बैटरी स्वैप नीति की भी घोषणा हुई।
वाहन स्क्रैप
स्क्रैप होंगे पुराने वाहन
2023-24 बजट सत्र के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि 15 साल पुरानी सभी सरकारी गाड़ियों को स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण करने वाले पुराने वाहनों को स्क्रैप करना पर्यावरण को हरित बनाने में महत्वपूर्ण भाग निभाएंगे।
बता दें कि प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए सरकार पहले ही व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी ला चुकी है।
छूट
वाहनों को आयात करना होगा महंगा
बजट 2023 के अनुसार, आयात होने वाली गाड़ियों पर कस्टम ड्यूटी को 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है, जिससे ये पहले से महंगी हो जाएंगी। यह नियम इलेक्ट्रिक गाड़ियां के लिए भी लागू होगा।
अब सभी कम्पलीट बिल्ट यूनिट (CBU) रुट के जरिये आने वाली गाड़ियों 70 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगेगी। इसमें 2500cc से लेकर 3000cc डीजल गाड़ियां और 32.77 लाख रुपये के ऊपर की सभी गाड़ियां शामिल हैं।
लाभ
सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन
बजट 2023 में बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को भी सस्ता करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए लिथियम आयन बैटरी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया गया है
इस बार नेट जीरो उत्सर्जन और एनर्जी ट्रांजिशन की योजनाओं के लिए 35,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
साथ ही सरकारी दफ्तरों में उपलब्ध पुराने वाहनों को नए वाहनों के साथ बदला जाएगा। इसमें पुलिस के वाहन भी शामिल हैं।
बैटरी
बैटरी स्वैपिंग तकनीक और हाइड्रोजन मिशन को मिलेगा बढ़ावा
शहरों में जगह की कमी को देखते हुए सरकार बैटरी स्वैपिंग तकनीक को बढ़ावा दे रही है। सरकार इसी साल बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लेकर आने वाली है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लोग ज्यादा से ज्यादा अपनाएं, इसके लिए सरकार देश में EV चार्जिंग तकनीक पर जोर दे रही है।
इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये की भी घोषणा हुई है। केंद्र सरकार 2030 तक पांच मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है।
जानकारी
पिछले साल ऑटो सेक्टर के लिए हुई थी ये घोषणाएं
बजट 2022 के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे इलेक्ट्रिक बसों और कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को मदद मिल रही है। 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे।