स्क्रैपेज सेंटर स्थापित करने जा रही है टाटा मोटर्स, फ्रैंचाइजी मॉडल के तहत करेगी काम
देश की दिग्गज वाहन निर्माता टाटा मोटर्स फ्रैंचाइजी मॉडल के तहत स्क्रैपेज सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है। कंपनी के पहले स्क्रैपेज सेंटर को अगले साल मार्च तक शुरू किया जा सकता है। कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी साझा की है। टाटा मोटर्स ने इस साल की शुरुआत में अहमदाबाद में एक वाहन स्क्रैपेज सेंटर बनाने के लिए गुजरात सरकार के साथ समझौता किया था। आइये जानते हैं पूरी खबर क्या है।
कंपनी के निदेशक ने क्या कहा?
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "देश में हर साल लगभग 25,000 ट्रक कबाड़ में बदले जाते हैं और हमारे पास उसके लिए उचित सुविधा नहीं है। अब हमने एक यूरोपीय विशेषज्ञ के साथ समझौता किया है और उनकी मदद से हमने स्क्रैपेज सेंटर का एक मॉडल बनाया है।" बता दें की यह स्क्रैपेज सेंटर सभी कंपनियों के वाहनों के लिए खुले रहेंगे।
एक साल में 36,000 वाहन को कबाड़ बनाने की होगी क्षमता
टाटा मोटर्स ने फ्रैंचाइजी पार्टनर्स को स्क्रैपेज सुविधाएं स्थापित करने के लिए आशय पत्र (LOI) भेजना शुरू कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अहमदाबाद में तैयार किये जाने वाले स्क्रैपेज सेंटर में एक साल में 36,000 पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों को कबाड़ में बदला जा सकेगा। टाटा मोटर्स कमर्शियल सेगमेंट में उपलब्ध विभिन्न मॉडलों के इलेक्ट्रिक और CNG वेरिएंट्स सहित नए वाहनों को पेश करने पर भी विचार कर रही है।
20 प्रतिशत तक बढ़ेगा उद्योग
कमर्शियल वाहनों के लिए बिक्री के बारे में बताते हुए वाघ ने कहा कि साल के शुरआती तीन महीनों में उद्योग की बिक्री में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई और कंपनी उद्योग की तुलना में अधिक बढ़ी है। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस साल GDP की वृद्धि दर लगभग 9-10 प्रतिशत होनी चाहिए, जैसा कि RBI ने संकेत दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि उद्योग पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत बढ़ेगा।"
स्क्रैपेज पॉलिसी क्या है?
वाहन के पंजीकरण का समय पूरा होने पर स्क्रैपेज पॉलिसी लागू होती है। सामान्य तौर पर एक वाहन का जीवन 15 वर्ष होता है, जिसके बाद यह वाहन पर्यावरण को अधिक प्रदूषित करना शुरू कर देते हैं। अन्य देशों में उन्हें नष्ट कर दिया जाता है। हालांकि भारत में ऐसी कोई पॉलिसी नहीं थी। नई पॉलिसी के अनुसार वाहनों का पंजीकरण समाप्त होने के बाद उन्हें फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। टेस्ट पास न करने पर उन्हें स्क्रैप किया जाएगा।
पुराने वाहनों को नष्ट करने वाले ग्राहकों को मिलेगी छूट
कुछ दिनों पहले ही नितिन गडकरी ने बताया था कि स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत ऑटो कंपनियां उन ग्राहकों को 5 प्रतिशत की छूट देंगी, जो अपनी पुरानी कारों को नष्ट करेंगे। इससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की बिक्री में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। पुराने वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं तो उनका कम उपयोग होने से पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने में भी मदद मिलेगी। बता दें कि पुराने वाहन फिट वाहनों की अपेक्षा 10-12 गुना अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।