देश में बिटकॉइन के वैध या अवैध होने की स्थिति स्पष्ट करे सरकार- सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन से जुड़ी एक याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि देश में बिटकॉइन अवैध है या नहीं।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकार को इस मामले मेंमें अपनी स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए।
बता दें कि भारत में बिटकॉइन की वैधता पर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन बजट में इस पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी।
याचिका
बिटकॉइन घोटाले को लेकर हुई थी सुनवाई
बिटकॉइन घोटाले के एक मामले में आरोपी बनाए गए अजय भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार से बिटकॉइन की वैधता या अवैधता पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।
इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुई एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि बिटकॉइन देश में अवैध है या नहीं। इस पर सरकार को अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा।
समय
चार सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई
ASJ ऐश्वर्य भाटी ने कहा कि यह मामला 87,000 बिटकॉइन से जुड़ा है, जिसकी वर्तमान में कीमत 20,000 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच में आरोपी किसी भी तरह का सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इस पर कोर्ट ने आरोपी को जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए और दंडात्मक कार्रवाई पर लगी रोक को अगली सुनवाई तक बहाल कर दिया।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।
पृष्ठभूमि
क्या था बिटकॉइन घोटाला?
पुणे पुलिस ने साल 2018 में अधिक रिटर्न का लालच देकर लोगों को बिटकॉइन खरीदने के लिए प्रेरित करने के मामले में अमित भारद्वाज समेत अन्य सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस का आरोप था कि अमित और उसके भाइयों ने निवेशकों से किया 10 फीसदी रिटर्न देने का वादा पूरा नहीं किया और देश छोड़कर भाग गए।
इस मामले में 3 अप्रैल, 2019 को हुई सुनवाई में अमित को कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
मान्यता
भारत में बिटकॉइन की क्या है स्थिति?
बिटकॉइन पर टैक्स लगाने के बाद भी इसे कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं है। यह बात खुद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में स्पष्ट की थी।
वित्तमंत्री सीतारमण ने संसद में बताया था कि क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पर टैक्स लगाना भारत सरकार का अधिकार है।
बता दें कि डिजिटल करेंसी के रूप में अभी तक डिजिटल रुपये को ही मान्यता दी गई है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया जाएगा।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (इंफो)
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है। यह देश की आबादी का आठ प्रतिशत हिस्सा है। अगर बिटकॉइन देश में अवैध हो गया तो फिर निवेशकों का करीब 70,000 करोड़ रुपये फंस जाएगा।