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मारुति-टोयोटा ने शुरू की स्क्रैपिंग यूनिट, सालाना 24,000 वाहन नष्ट करने की है क्षमता
मारुति की नई स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग यूनिट

मारुति-टोयोटा ने शुरू की स्क्रैपिंग यूनिट, सालाना 24,000 वाहन नष्ट करने की है क्षमता

Nov 24, 2021
03:00 pm

क्या है खबर?

भारत में हाल ही में लागू की गई नई स्क्रैपेज पॉलिसी के समर्थन में कई कंपनियां आगे आ रही हैं। इसी क्रम में मारुति सुजुकी टॉयत्सु इंडिया (MSTI) ने भारत में सरकार से मान्यता प्राप्त वाहन स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग यूनिट खोली है। इसे उत्तर प्रदेश के नोएडा में शुरू किया गया है। सालाना 24,000 स्क्रैप वाहनों को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली इस यूनिट का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। आइये इसके बारे में जानते हैं।

जानकारी

44 करोड़ के निवेश से बनी है यूनिट

वाहन स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग यूनिट को 44 करोड़ रुपये के निवेश से केंद्र की वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के अनुसार बनाया गया है। यह 10,993 वर्ग मीटर में फैली हुई है, जिसमें सालाना 24,000 से अधिक एंड-ऑफ-लाइफ-वाहनों (ELV) को नष्ट और रीसाईकल करने की क्षमता है। वहीं, यह हर महीने 2,000 वाहनों को नष्ट कर सकती है और एक वाहन की स्क्रैपिंग प्रक्रिया में तीन घंटे से ज्यादा का समय लगता है।

खासियत

इन वजहों से है यह खास

स्क्रैप वाहनों से निकलने वाले तरल और गैसीय कचरे को कम करने के लिए यूनिट वैज्ञानिक प्रक्रियाओं और उन्नत मशीनरी का उपयोग करती है। इसके अलावा यह एक पूरी तरह से परेशानी मुक्त स्क्रैपिंग सर्विस का वादा भी करती है, जिसमें इस तरह की गाड़ियों को मुफ्त पिकअप करना, डिजिटल भुगतान, स्क्रैप प्रोसेस से संबंधित सभी दस्तावेजों को पूरा करना और इन्हे नष्ट करने के बाद इनका सर्टिफिकेट जारी करना शामिल है।

बयान

12 प्रतिशत तक बढ़ेगी वाहनों की बिक्री- गडकरी

मारुति-टोयोटा की इस यूनिट का उद्घाटन सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्क्रैपेज नीति प्रमुख कारकों में से एक होगी। पुरानी कारें नई कारों की तुलना में बहुत अधिक प्रदूषणकारी होती हैं, इसलिए उन्हें चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि स्क्रैपेज पॉलिसी के कारण बिक्री 10 से 12 फीसदी बढ़ेगी।"

पॉलिसी

क्या है स्क्रैपेज पॉलिसी?

इस पॉलिसी का मकसद 20 साल पुराने निजी वाहनों और 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को उपयोग को पूरी तरह से बंद करना है। माना जा रहा है कि इससे न सिर्फ प्रदूषण कम करने बल्कि भारत के ईंधन आयात के खर्च को भी कम करने में मदद मिलेगी। इसके लिए वाहनों का रजिस्ट्रेशन समाप्त होने के बाद उन्हें फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। टेस्ट पास न करने पर उन्हें स्क्रैप किया जाएगा।

बेनेफिट

स्क्रैपेज सर्टिफिकेट से मिलेगा टैक्स लाभ

स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत नष्ट किए गए वाहनों के लिए जारी स्क्रैपेज सर्टिफिकेट के साथ निजी वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को टैक्स पर 25 प्रतिशत तक की छूट और कमर्शियल वाहन खरीदने पर 15 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। आपको बता दें कि स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत दी जाने वाली टैक्स छूट को पहले पांच प्रतिशत रखा गया था, जिसे बाद में 25 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। वहीं, विंटेज वाहनों को इस पॉलिसी से दूर रखा गया है।