कैसे काम करेगी भारत की नई बैटरी स्वैप योजना? पढ़िए इसके बारे में
क्या है खबर?
अगर आप भी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। बजट 2022 में EV को बढ़ावा देने के लिए एक महत्व्यपूर्ण घोषणा हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में बैटरी स्वैप योजना की घोषणा की थी। जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है इसका मतलब बैटरी का अदला-बदली करना है।
आइए, जानते हैं इस योजना के लागू होने से ग्राहकों को क्या फायदा मिलेगा।
जानकारी
क्या है बैटरी स्वैप?
बैटरी स्वैपिंग योजना का मुख्य रूप से फायदा यह होगा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी को चार्ज करने की चिंता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
यानी आप चार्जिंग स्टेशन पर जाकर डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज करने के बजाय आप फुल चार्ज बैटरी ले सकते हैं।
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को बैटरी की लीज लागत का 20 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन दे सकती है और यह EV खरीदते समय मिलने वाले छूट के अतिरिक्त होगा।
स्वैपिंग स्टेशन
स्वैपिंग स्टेशन बनाने पर काम कर रही हैं ये कंपनियां
भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बैटरी स्वैपिंग की पेशकश के लिए ब्रिटेन की BP PLC के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाया है।
वहीं, बाइक निर्माता हीरो मोटोकॉर्प और ताइवान के गोगोरो ने भी स्वैप स्टेशन स्थापित करने के लिए साझेदारी की है और साथ ही स्टार्ट-अप सन मोबिलिटी इस पर काम कर रही है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता बाउंस भी अपने स्कूटर के लिए स्वैपिंग स्टेशन बनाने की योजना पर काम कर रही है।
फायदा
क्या होगा इस योजना से फायदा
इस योजना के तहत बैटरी को रिप्लेस किया जा सकेगा। बैटरी रिप्लेस करना यानी की बैटरी अब गाड़ी का एक अलग हिस्सा हो जाएगी। ऐसे में EV की कीमतों में भी कमी आएगी।
दरअसल EV की कीमत काफी ज्यादा होने के चलते लोग इसे खरीदने से पीछे हटते हैं। ऐसे में दामों के कटौती से इनकी बिक्री बढ़ेगी और ग्राहकों को भी बेहतर विकल्प मिलेगा।
अलग-अलग स्वैपिंग स्टेशन का विस्तार करने से लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों से लंबी यात्रा कर सकेंगे।
चार्जिंग
बार-बार वाहन चार्जिंग की चिंता से मिलेगी आजादी
बैटरी स्वैप योजना के तहत बनाए जा रहे स्वैपिंग स्टेशन की मदद से लोगो का समय बचेगा और उन्हें बार-बार अपने वाहन को चार्ज करने की चिंता से भी आजादी मिलेगी।
बैटरी स्वैपिंग योजना के बाद चीजें आसान हो जाएंगी। वहीं अब लोग बिना बैटरी के भी इलेक्ट्रिक गाड़ी की खरीदारी कर सकते हैं। इससे कीमतों में भी कमी आएगी और दूसरी किसी भी पसंद की कंपनी से बैटरी लीज पर लेने की छूट भी रहेगी।
चुनौती
ये दिक्कतें आ सकती हैं आड़े
रिपोर्ट्स की माने तो बैटरी स्वैपिंग का विचार बड़ा ही दिलचस्प है लेकिन बिना सरकार की भागीदारी के इसे बेहतर तरीके से लागू नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में सभी कार कंपनियों को बैटरियों के डिजाइन और तकनीक को सामान किये जाने की जरूरत है।
इसके अलावा बैटरी पैक बनाना बहुत महंगा है इसलिए बिना सरकार के मजबूत सहारे व सब्सिडी के बड़े पैमाने पर लागू करना संभव नहीं है।