वीवो रखने जा रही है इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में कदम, ट्रेडमार्क के लिए किया आवेदन
स्मार्टफोन निर्माता वीवो अब इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की दुनिया में भी अपने कदम रखने वाली है। वीवो ने हाल में इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया है। वीवो का अपकमिंग मॉडल एक इलेक्ट्रिक बाइक होगा या इलेक्ट्रिक स्कूटर इस बात का खुलासा फिलहाल अभी नहीं हुआ है, पर इसे ट्रेडमार्क के क्लास-12 के तहत आवेदन किया गया है। फिलहाल इसके लॉन्चिंग के संबंधित कोई और जानकारी सामने नहीं आई है।
क्या है क्लास-12
आपको बता दें कि क्लास-12 वस्तुओं और सेवाओं की एक बड़ी रेंज की लिस्टिंग करती है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन, कार, मोटरसाइकिल, ऑटोमैटिक कार, साइकिल, मोपेड, सेल्फ-बैलेंसिंग वाहन, इलेक्ट्रिक यूनीसाइकिल, सेल्फ-बैलेंसिंग यूनीसाइकिल, रिमोट कंट्रोल वाहन, जल वाहन, हवाई ड्रोन और फोटोग्राफी ड्रोन शामिल हैं।
EV सेगमेंट में क्यों आना चाहती है वीवो?
भारत में जिस रफ्तार से इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ थी है, इससे ज्यादातर कंपनियां इस सेगमेंट की ओर आकर्षित हो रही है। न सिर्फ ऑटोमेकर बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़ी दूसरी कंपनियां जैसे ओला और बाउंस भी अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च कर रही है। 2020 में भारत में EV मार्केट 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 375 अरब रुपये) की थी, जो 2026 तक आते-आते 47 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 3,540 अरब रुपये) तक पहुंच जाएगी ।
वीवो को EV सेगमेंट में आने में होगी आसानी
वीवो को इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने मे आसानी होगी। चूंकि वीवो एक चीनी कंपनी है और इस समय चीन बैटरी प्रौद्योगिकी और विनिर्माण का केंद्र बना हुआ है। इसलिए वीवो जैसे स्मार्टफोन निर्माताओं को बैटरी आपूर्तिकर्ता नेटवर्क तक पहुंचने में आसानी होगी और वे स्थानीय स्तर पर बेहतर सौदे कर सकते हैं। दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक वाहन काफी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग करते हैं, जिसे वीवो जैसी कंपनियां आसानी से पूरा कर सकती हैं।
ओप्पो ने भी ट्रेडमार्क के लिए किया है आवेदन
एकमात्र वीवो ही नहीं है जिसने इलेक्ट्रिक वाहन के लिए ट्रेडमार्क आवेदन किया है। इससे पहले ओप्पो ने भी ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया है। ओप्पो के इलेक्ट्रिक वाहन को भारत में 2023 के अंत तक या 2024 की शुरुआत में पेश किया जा सकता है। ओप्पो ने बैटरी बनाने वाली कंपनियों और पार्ट्स सप्लायर्स के साथ मीटिंग करना शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ फर्म टेस्ला जैसी प्रमुख कंपनियों को पार्ट्स की सप्लाई करती है।