#NewsBytesExplainer: बाइक्स में कितने प्रकार के ब्रेक होते हैं? जानिए इनके फायदे-नुकसान
क्या है खबर?
सुरक्षा के लिए बाइक में ब्रेक का होना बहुत ही जरूरी है। यही कारण है कि आजकल ऑटोमोबाइल कंपनियां अपनी वाहनों के ब्रेक सिस्टम पर बहुत ध्यान देती हैं।
हालांकि, अभी भी ऐसी कई लोग हैं, जिन्हे बाइक की ब्रेकिंग के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।
ऐसे लोगों के लिए हम यहां कार गाइड में बाइक्स के ब्रेक के प्रकार की जानकारी लेकर आए हैं। आइये जानते हैं कि ब्रेक्स कितने प्रकार के होते हैं।
प्रकार
कितने तरह के होते हैं बाइक के ब्रेक्स?
गाड़ियों की स्पीड कम करने के लिए पहली बार ब्रेक का इस्तेमाल लगभग 1800 के दशक में शुरू हुआ था। धीरे-धीरे ये अपडेट होते रहे।
वर्तमान में बाइक्स में कई प्रकार के ब्रेक्स मिलते हैं, जो आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से तैयार किए जाते हैं।
भारतीय बाजार में मौजूद दोपहिया वाहनों में कंबाइन ब्रेकिंग सिस्टम, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, ड्रम और डिस्क ब्रेक मिलते हैं।
इनके अपने-अपने फायदे और नुकसान होते हैं।
#1
कंबाइन ब्रेकिंग सिस्टम (CBS)
कंबाइन ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) आजकल काफी चलन में है। इसमें लेफ्ट ब्रेक लीवर से ही आगे और पीछे दोनों ब्रेक एक साथ लगते हैं। हालांकि, CBS के साथ फ्रंट ब्रेक्स को राइट ब्रेक लीवर के जरिए अलग से भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
जिन बाइक्स में CBS लगा होता है उनमे बेहतर ब्रेकिंग मिलती है और रियर व्हील के लॉक होने या फिसलने की संभावना नहीं रहती, जिससे दुर्घटना के शिकार होने से बचा जा सकता है।
जानकारी
CBS के फायदे-नुकसान
देश में 125cc और उससे कम इंजन वाली बाइक्स में CBS स्टैंडर्ड रूप से अनिवार्य कर दिया गया है। किफायती बाइक्स में यह ABS की तरह काम करता है। CBS में आप एक समय में एक ब्रेक का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
#2
ड्रम ब्रेक
ड्रम ब्रेक सिस्टम में पहियों को ब्रेक ड्रम से जोड़ा जाता है। ब्रेक ड्रम पहियों के रोटेशन के कारण साथ-साथ घुमता है। पहियों को रोकने के लिए इन ब्रेक ड्रम को रोकना पड़ता है।
ब्रेक लगाने पर ये ड्रम लॉक होने लगते हैं और इस वजह से बाइक की स्पीड भी कम हो जाती है। इनमें ब्रेक शूज लगे होते हैं, जो ड्रम ब्रेक को रोकने का काम करते हैं और इन्हे समय-समय पर बदलना पड़ता है।
जानकारी
ड्रम ब्रेक के फायदे-नुकसान
ड्रम ब्रेक किफायती होते हैं। साथ ही ज्यादा सरफेस एरिया की वजह से इसकी उम्र भी लंबी होती है। हालांकि, अधिक गर्मी में ये ठीक से काम नहीं कर पाते, वहीं ज्यादा मूविंग पार्ट की वजह से इसका रखरखाव भी कठिन है।
#3
डिस्क ब्रेक
आजकल बाजार में डिस्क ब्रेक काफी लोकप्रिय हैं। डिस्क ब्रेक में रोटर या ब्रेक डिस्क का उपयोग किया जाता है, जो पहिये के रोटर से जुड़े हुए होते हैं।
अगर ये रोटर रुक जाए तो पहिये ठीक तरह से घूम नहीं पाएंगे। ऐसे में पहियों को रोकने के लिए डिस्क ब्रेक सिस्टम हाइड्रोलिक तारों के माध्यम से ब्रेक पैड पर पावर डालता है।
इससे पैड और रोटर के बीच का घर्षण पहिये की गति को धीमा कर देता है।
जानकारी
डिस्क ब्रेक के फायदे-नुकसान
डिस्क ब्रेक गर्मी में भी ठीक से काम करते हैं। इनका रखरखाव काफी आसान है क्योंकि कैलीपर को मरम्मत के लिए स्वतंत्र रूप से हटाया जा सकता है। हालांकि, यह ब्रेक महंगा और अधिक शोर करने वाला होता है।
#4
एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)
ब्रेक लगाने के दौरान गाड़ी को फिसलने से बचने के लिए ही एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) फीचर दिया जाता है। इसमें लगे वाल्व और स्पीड सेंसर ब्रेक लगने पर वाहन के पहियों को लॉक होने से रोकते हैं।
इस वजह से ये बिना फिसले रुक जाते हैं। अचानक ब्रेक लगने पर यह गाड़ी का कंट्रोल नहीं खोने देता और उसके पलटने का खतरा नहीं रहता।
ABS के मुख्य पार्ट्स स्पीड सेंसर, वाल्व, पंप और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) हैं।
जानकारी
ABS के फायदे-नुकसान
इसके कारण अचानक ब्रेक लगाने से वाहन का पहिया लॉक नहीं होता। इसके साथ ही इसकी मदद से गाड़ी फिसलती भी नहीं है और पलटती भी नहीं है। ABS के साथ ऑफ-रोडिंग करने में काफी परेशानी आती है।
ब्रेक
देश में किस बाइक में मिलता है कौन-सा ब्रेक?
CBS: भारतीय बाजार में उपलब्ध होंडा SP125, होंडा एक्टिवा, TVS रेडर और N-टॉर्क जैसे दोपहिया वाहनों में CBS ब्रेकिंग उपलब्ध है।
ड्रम: हीरो मोटोकॉर्प की स्प्लेंडर प्लस, HF-डीलक्स और होंडा CD 110 जैसी बाइक्स में दोनों पहियों पर ड्रम ब्रेक की सुविधा है।
डिस्क ब्रेक: बजाज पल्सर 150, TVS अपाचे 160, अपाचे 180 और यामाहा R15 जैसी बाइक्स में डिस्क ब्रेक की सुविधा है।
ABS: रॉयल एनफील्ड हिमालयन, अपाचे 310 RR और बजाज डोमिनार जैसी बाइक्स में ABS उपलब्ध है।