#NewsBytesExplainer: टेफ्लॉन कोटिंग क्या है और यह सिरेमिक कोटिंग से कैसे अलग है?
खराब मौसम और जंग के कारण कई बार गाड़ियों का पेंट खराब हो जाता है। ऐसे में कार के पेंट को बचाने के लिए आप कोटिंग की सहायता ले सकते हैं। कोटिंग टेफ्लॉन और सिरेमिक 2 तरह की होती और इनकी मदद से आप गाड़ी के पेंट की चमक बरकरार रख सकते हैं। आइये कार गाइड में जानते हैं टेफ्लॉन कोटिंग क्या है और यह सिरेमिक कोटिंग से कैसे अलग है। साथ ही इसके फायदे और नुकसान क्या हैं।
टेफ्लॉन कोटिंग
टेफ्लॉन कोटिंग ऑटोमोटिव उद्योग में इस्तेमाल होने वाला सबसे प्रसिद्ध कोटिंग है, जो आपके कार के पेंट को सुरक्षात्मक परत प्रदान करती है। यह आपके वाहन के पेंटवर्क को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका है। बता दें कि इसे पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE) नामक केमिकल से तैयार किया जाता है। इसे गाड़ी के पेंट ऊपर लगाया जाता है, जो कार की सतह पर एक सुरक्षात्मक परत बनाती है और इससे पेंट नहीं खराब होता।
टेफ्लॉन कोटिंग के क्या फायदे हैं?
टेफ्लॉन कोटिंग के कई फायदे हैं। सुरक्षा: टेफ्लॉन कोटिंग UV किरणों, बारिश और अन्य प्रदूषकों गाड़ी के पेंटवर्क को बचाती है। जल प्रतिरोधी: यह पानी को रोकती है और पेंट पर पानी के धब्बे और दाग नहीं बनने देती। ड्यूरिबिलिटी: टेफ्लॉन कोटिंग अधिक समय तक चलती है। यह आपकी गाड़ी को 2-3 साल तक लंबे समय तक चलने वाली सुरक्षा प्रदान करती है। मेंटेनेंस: टेफ्लॉन कोटिंग पर जमी गंदगी को माइक्रोफाइबर कपड़े से आसानी से मिटाया जा सकता है।
टेफ्लॉन कोटिंग के नुकसान क्या हैं?
फायदों के साथ-साथ टेफ्लॉन कोटिंग के कुछ नुकसान भी हैं। टेफ्लॉन कोटिंग कई पर्यावरणीय खतरों से गाड़ी के पेंट को सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन मामूली खरोंच से ही इसकी परत खराब हो जाती है। टेफ्लॉन कोटिंग हर कोई नहीं कर सकता और इस वजह से यह काफी महंगी भी होती है। जब इस कोटिंग को गाड़ी पर लगाया जाता है तो उस प्रक्रिया में इसमें से काफी धुंआ निकलता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
सिरेमिक कोटिंग
सिरेमिक कोटिंग एक लिक्विड पॉलिमर है, जिसे वाहन के बाहरी हिस्से पर लगाया जाता है। यह एक सुरक्षात्मक परत बनाती है, जो पेंटवर्क के साथ जुड़कर लंबे समय तक पेंट को सुरक्षा प्रदान करती है। सिरेमिक कोटिंग पेंट की सतह के साथ जुड़ने के लिए बेहतर नैनो तकनीक का उपयोग करती है, जिससे एक टिकाऊ हाइड्रोफोबिक परत बनती है, जो बेहतर सुरक्षा के साथ-साथ पेंट को चमक भी प्रदान करती है।
सिरेमिक कोटिंग के फायदे
सुरक्षा: टेफ्लॉन कोटिंग की तरह ही सिरेमिक कोटिंग आपकी गाड़ी के पेंट को UV किरणों, बारिश और अन्य प्रदूषकों गाड़ी के पेंटवर्क को बचाती है। ड्यूरेबिलिटी: सिरेमिक कोटिंग, टेफ्लॉन की तुलना में अधिक समय तक चलती है, जो कोटिंग की गुणवत्ता के आधार पर लगभग 5 साल या उससे भी अधिक समय तक चलने वाली सुरक्षा प्रदान करती है। बेहतर लुक: सिरेमिक कोटिंग वाहन के पेंट को एक चमकदार फिनिश देती है, जिससे गाड़ी देखने में नई जैसी लगती है।
सिरेमिक कोटिंग के नुकसान
लागत: टेफ्लॉन कोटिंग की तुलना में सिरेमिक कोटिंग महंगी है। इस वजह से यह बजट के प्रति जागरूक वाहन मालिकों के बीच कम लोकप्रिय है। समय: सिरेमिक कोटिंग लगाने से पहले वाहन के पेंट को अच्छी तरह से साफ और तैयार किया जाता है, जिससे इसमें अधिक समय लगता है। मरम्मत: यदि सिरेमिक कोटिंग खराब हो जाए तो इसकी मरम्मत एक पेशेवर द्वारा ही की जाती है, जिससे इसमें पैसे भी अधिक लगते हैं।
सिरेमिक और टेफ्लॉन कोटिंग में क्या है अंतर?
टेफ्लॉन कोटिंग PTFE नाम के सिंथेटिक पॉलिमर से बनी होती है। दूसरी ओर, सिरेमिक कोटिंग लिक्विड पॉलिमर से बनी है, जिसमें सिलिका डाइऑक्साइड होता है। टेफ्लॉन कोटिंग वाहन की सतह पर PTFE का छिड़काव करके लगाई जाती है, जबकि सिरेमिक कोटिंग में पॉलिमर की कई परतें गाड़ी की बॉडी पर लगाई जाती है। सिरेमिक कोटिंग टेफ्लॉन कोटिंग से अधिक मोटी होती है। इसकी मोटाई 2 से 3 माइक्रोन होती है, जबकि टेफ्लॉन कोटिंग 0.5 से 1 माइक्रोन तक होती है।
आपकी गाड़ी के लिए कौन-सी कोटिंग है बेहतर?
कार के पेंट की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सिरेमिक कोटिंग आपकी गाड़ी के लिए बेहतर विकल्प है। इसकी लागत तो अधिक होती है, लेकिन अगर ठीक से रखरखाव किया जाए तो यह वर्षों तक चल सकती है। दूसरी ओर, टेफ्लॉन की लागत कम होती है, लेकिन मामूली खरोंच से भी यह खराब हो जाती है। साथ ही हर 2-3 साल के अंदर ही टेफ्लॉन कोटिंग खराब होने लगती है।