#NewsBytesExplainer: लग्जरी गाड़ियों में मिलने वाला एयर सस्पेंशन सिस्टम क्या है और कैसे काम करता है?
सस्पेंशन गाड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसी भी वाहन के टायर के एक्सेल को चेसिस से जोड़ने का काम सस्पेंशन का होता है। अगर ये खराब हो जाए तो ड्राइविंग के दौरान कार में बैठे यात्रियों को झटके महसूस होते हैं। साथ ही गाड़ी चलाने में भी परेशानी आती है। आरामदायक राइड्स के लिए लग्जरी गाड़ियों में एयर सस्पेंशन की पेशकश की जा रही है। आइये कार गाइड में जानते हैं कि एयर सस्पेंशन क्या हैं।
क्या होता है एयर सस्पेंशन?
किसी भी अन्य सस्पेंशन में शॉक एब्जॉर्बर, कॉयल, बॉल जॉइंट्स और नक्कल आर्म दिए होते हैं, जबकि एयर सस्पेंशन में पारंपरिक कॉइल्स और डैम्पर्स के स्थान पर एयर बेलो का उपयोग किया जाता है। यह एयर प्रेशर की मदद से काम करता है। यह सस्पेंशन यात्रा के दौरान हर तरह के झटके को झेलता है। एयर सस्पेंशन की मदद से गाड़ी की ऊंचाई को बढ़ाया या घटाया जा सकता है, जिससे गाड़ियां हाईवे और ऑफ-रोअडिंग में बेहतर परफॉर्म करती हैं।
एयर सस्पेंशन में होते हैं ये पार्ट्स
एयर सस्पेंशन कई पार्ट्स के साथ मिलकर काम करता है। 1- एयर बेलो: एयर बेलो एयर सस्पेंशन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, जिसे स्प्रिंग सिस्टम को रिप्लेस किया है। इनका कोई आकार निर्धारित नहीं है। गाड़ियों में अलग-अलग आकार की एयर बेलो का इस्तेमाल होता है। 2: कंप्रेसर: इन एयर बेलो में हवा भरने के लिए एक कंप्रेसर का भी इस्तेमाल किया जाता है। 3: एयर लाइन: यह कंप्रेसर से निकलने वाली हावा को एयर बेलो तक ले जाता है।
वाल्व और सोलेनॉइड भी हैं एयर सस्पेंशन के जरूरी भाग
एयर सस्पेंशन के जरूरी भाग में वाल्व और सोलेनॉइड का भी नाम शामिल है। 4- वाल्व: एयर सस्पेंशन में कई वायु प्रवेश द्वार होते हैं, जिन्हें वाल्व कहा जाता है। ये सस्पेंशन सिस्टम के विभिन्न भागों के माध्यम से हवा के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। 5- सोलेनॉइड: एयर सस्पेंशन सिस्टम में प्रत्येक बैग में हवा की मात्रा को एडजस्ट करने के लिए सोलनॉइड अहम भूमिका निभाता है।
कैसे काम करता है एयर सस्पेंशन?
एयर सस्पेंशन के एयर बेलो में कंप्रेशर का उपयोग करके हवा भरी जाती है। कंप्रेसर की हवा एयर लाइन की मदद से हर बेलो तक जरूरत के अनुसार पहुंचाई जाती है। इस बाद वाल्व की मदद से हवा बेलो में लॉक हो जाती है, वहीं गाड़ी की ऊंचाई बढ़ाने के लिए इन बेलो में अधिक हवा बढ़ी जाती है और घटाने के लिए हवा कम कर दी जाती है। यह काम सोलनॉइड का होता है।
एयर सस्पेंशन के क्या है फायदे?
एयर सस्पेंशन वाली कारें ड्राइविंग के दौरान सबसे अधिक आराम प्रदान करती हैं। इसके अलावा हाइट एडजस्टेबल फीचर ड्राइवर को बेहतर नियंत्रण प्राप्त करने की अनुमति देता है। एयर सस्पेंशन में वाइब्रेशन नहीं होता है और इस वजह से यात्रा के दौरान इनमें से किसी भी तरह का आवाज भी नहीं आता है और यह जल्दी खराब भी नहीं होता। एयर सस्पेंशन की वजह से गाड़ियों में कम ईंधन की खपत होती है और ये अधिक माइलेज देती हैं।
क्या एयर सस्पेंशन का कोई नुकसान भी है?
एयर स्प्रिंग सस्पेंशन सिस्टम की कीमत स्प्रिंग सस्पेंशन से काफी अधिक है। यही कारण है कि केवल हाई-एंड या लक्ज़री कारें ही इन-बिल्ट एयर सस्पेंशन के साथ आती हैं। एयर सस्पेंशन का मेंटेनेंस भी काफी अधिक है और अगर एक बार ये ख़राब हो जाएं तो काफी अधिक पैसे देने पड़ते हैं। एयर सस्पेंशन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नमी और जंग की वजह से इसके अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुंच का भी डर रहता है।
एयर सस्पेंशन के बचाव के लिए क्या करें?
खराब सड़कों में अधिक गाड़ी चलाने से सस्पेंशन खराब होने का खतरा रहता है। इसलिए ऐसी सड़क पर कार चलाने से बचना चाहिए। आप क्षमता से ज्यादा वजन रखकर ओवरलोडिंग कर कार चलाते हैं तो इससे भी एयर सस्पेंशन में बड़ा नुकसान होता है। कार चलाने के दौरान तेज ब्रेक लगाने से भी सस्पेंशन पर असर पड़ता है। तेज ब्रेक लगाने के कारण कार अचानक से रुकती है, जिससे सारा वजन आगे वाले सस्पेंशन पर आ जाता है।
भारत में उपलब्ध एयर सस्पेंशन वाली गाड़ियां
वर्तमान में देश में कई ऐसी गाड़ियां उपलब्ध हैं, जिनमें एयर सस्पेंशन मिलता है। मर्सिडीज-बेंज C-क्लास, रेंज रोवर, ऑडी Q7, वोल्वो XC60 जैसी गाड़ियों में यह सस्पेंशन देखने को मिलता है।