ड्रम से लेकर डिस्क ब्रेक तक, कारों में होता है विभिन्न प्रकार के ब्रेक्स का उपयोग
क्या है खबर?
ब्रेक का ठीक तरह से काम करना किसी भी कार के लिए सबसे जरूरी होता है। यही कारण है कि आजकल ऑटोमोबाइल कंपनियां कारों में ब्रेक सिस्टम पर बहुत ध्यान देती हैं।
वर्तमान में कारों में कई प्रकार के ब्रेक्स आते हैं, जो अच्छी-अच्छी टेक्नोलॉजी की मदद से तैयार किए जाते हैं।
ऐसे में आइए कारों में उपयोग होने वाले प्रमुख ब्रेक्स के बारे में जानें।
#1
ड्रम ब्रेक
ड्रम ब्रेक सिस्टम में पहियों को ब्रेक ड्रम से जोड़ा जाता है।
ब्रेक ड्रम रोटेशन के कारण पहिया घूमेगा और चल जाएगा। पहियों को रोकने के लिए ब्रेक ड्रम को रोकना पड़ेगा। इसकी प्रक्रिया डिस्क ब्रेक की प्रक्रिया के सामन ही होती है।
हालांकि, ड्रम ब्रेक सिस्टम में कोई ब्रेक पैड या कॉलिपर नहीं लगे होते हैं। इसके बजाय ब्रेक शूज ड्रम ब्रेक को रोकने का काम करते हैं और पहिये रुक जाते हैं।
#2
डिस्क ब्रेक
आजकल बाजार में डिस्क और ड्रम ब्रेक काफी लोकप्रिय हैं।
डिस्क ब्रेक में रोटर या ब्रेक डिस्क का उपयोग किया जाता है। पहिये रोटर से जुड़े हुए होते हैं। अगर रोटर रुक जाए तो व्हील ठीक तरह से घूमते नहीं हैं।
पहियों को रोकने के लिए डिस्क ब्रेक सिस्टम हाइड्रोलिक तारों के माध्यम से ब्रेक पैड पर पॉवर डालता है। इससे पैड और रोटर के बीच का घर्षण पहिया की गति को धीमा कर देता है।
#3
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ब्रेक सिस्टम
आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक कारों में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ब्रेक सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जो कार को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करता है।
बता दें कि हाइब्रिड कारों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
यह ब्रेक सिस्टम ब्रेकिंग के माध्यम से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को कार की बैटरी में स्टोर करने की अनुमित देता है।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत के अनुसार इस प्रकार का ब्रेक घर्षण का उपयोग किए बिना कार को रोक सकता है।
#4
पार्किंग ब्रेक
कारों में पार्किंग ब्रेक पार्किंग के समय पहियों को रोकता है।
इसे स्टीयरिंग व्हील कॉलम के नीचे स्थित छोटे पेडल या कंसोल में लीवर द्वारा एक्टिवेट किया जाता है।
डिस्क और ड्रम ब्रेक के साथ-साथ कार में इमरजेंसी ब्रेक भी होता है, जो सेकेंडरी ब्रेक सिस्टम के रूप में काम करता है।
स्टिक लेवल, सेंटर लीवर, पेडल और इलेक्ट्रिक या पुश बटन सहित चार प्रकार के इमरजेंसी ब्रेक होते हैं। प्राइमरी ब्रेक के टूटने पर इसका उपयोग होता है।