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लंबी ड्राविंग के दौरान कार ओवरहीटिंग का है खतरा? ये आसान टिप्स करेंगे आपकी मदद
कार ओवरहीटिंग से बचाव

लंबी ड्राविंग के दौरान कार ओवरहीटिंग का है खतरा? ये आसान टिप्स करेंगे आपकी मदद

Feb 16, 2022
10:30 pm

क्या है खबर?

तापमान के बढ़ने या लगातार लंबी दूरी तक गाड़ी चलाने से बहुत बार इंजन गर्म (ओवरहीट) हो जाता है। इससे न सिर्फ आपकी यात्रा बाधित होती है बल्कि यह गाड़ी के दूसरे जरूरी पार्ट्स को भी नुकसान पहुंचता है। कुछ लोगों को पता नहीं होता है कि कार क्यों अधिक गर्म होती है और ऐसे होने पर क्या करना चाहिए। इसलिए आज हम कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिससे आपकी गाड़ी को ओवरहीट होने से बचाया जा सकता है।

#1

कूलेंट स्तर को बीच-बीच में करें चेक

इंजन कूलेंट वह तरल पदार्थ है जो इंजन के तापमान को नियंत्रित करने और इसे ज़्यादा गरम होने से बचाता है। यदि इसका स्तर न्यूनतम निशान से नीचे है, तो आपके इंजन के गर्म होने का खतरा है। कम कूलेंट स्तर इसके लीक होने का भी संकेत देते हैं। इस स्थिति में आपको अपनी गाड़ी को किसी अच्छे मैकेनिक के पास ले जाना होगा। इसके साथ ही इंजन के बाकी तरल पदार्थों को भी चेक करें।

#2

संकेतक लाइट या गेज पर रखें नजर

गाड़ी में वाहन संबंधित किसी भी समस्या के बारे में चेतावनी देने के लिए बहुत सारे गेज और संकेतक लाइट होते हैं। इन्हे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डैशबोर्ड पर लगे तापमान गेज का उपयोग यह देखने के लिए कर सकते हैं कि क्या इंजन बहुत गर्म है या नहीं। यदि आपकी कार तापमान गेज नहीं है, तो इसे बाद में भी लगाया जा सकता है। इसे OBD पोर्ट में सीधे प्लग किया जाता है, जो सीधे जानकारी प्रदान करता है।

#3

न करें एयर कंडीशन का इस्तेमाल

कार का इंजन अधिक गर्म होने का एक कारण एयर कंडीशनर (AC) भी है। AC इंजन पर अधिक दबाव डालता है, जिस कारण भी इंजन अधिक गर्म हो जाता है। इसलिए अगर आप AC बंद कर देंगे तो इससे इंजन पर दबाव कम हो जाएगा और वह ठंडा होगा। अगर इंजन पहले से गरम हो चुका है तो कार के बोनट को खोल दें ताकि इंजन को ताजी हवा मिले और गर्मी बाहर निकल जाए।

#4

हीटर चालू करें

वैसे तो कार में हीटर का उपयोग सर्दियों के मौसम में उसके तापमान को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसका उपयोग कार को अधिक गर्म होने पर भी किया जा सकता है। कार के अधिक गर्म होने पर हीटर चालू कर दें। ऐसा करने से हीटर इंजन से गर्मी बाहर खींचता है। इससे केबिन तो गर्म हो सकता है, लेकिन इंजन ठंडा होगा और कूलिंग सिस्टम पर कम दबाव पड़ेगा।