बाइक में मॉडिफिकेशन कराने से पहले जानिए ये जरूरी बातें
कई लोग अपनी बाइक को मॉडिफाई कराना पसंद करते हैं ताकि वह भीड़ से अलग दिखे। लोग बाइक का मॉडिफिकेशन उसकी खूबसूरती, फीचर्स और परफॉरमेंस को बढ़ाने के लिए करते हैं। बता दें कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था, जिसमें बाइक में कुछ मॉडिफिकेशन प्रतिबंधित और कुछ को अनुमति दी गई थी। यदि आप भी अपनी बाइक को मॉडिफाई करवाने की योजना बना रहे हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इस तरह के मॉडिफिकेशन हैं कानूनी
आप अपनी बाइक के रंग, इंजन बेली, डिकल्स, विंग्लेट आदि में मामूली बदलाव कर सकते हैं। इस तरह के मॉडिफिकेशन से बाइक की मूल खासियत में कोई बदलाव नहीं होता और इसलिए इसकी अनुमति दी गई है। आप बाइक के टायर को भी बदल सकते हैं, लेकिन आप केवल ऐसे टायर ही लगवा सकते हैं जो उस मॉडल के टॉप वेरिएंट से मेल खाते हो। ऐसे टायर जो बाइक के मॉडल में फिट नहीं होते उन्हें अवैध माना जाता है।
मॉडिफिकेशन के लिए लेनी होगी RTO से अनुमति
अगर बाइक का इंजन ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो आप अपनी इसे बदल सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) से अनुमति लेनी होगी। आपके सबसे पहले RTO जाकर अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेना होगा। साथ ही इंजन बदलने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। इंजन में बदलाव के लिए एक शर्त और है कि पुराने और नए दोनों इंजन एक ही ईंधन पर चलते हो।
रंग बदलवाने के लिए भी लेनी पड़ेगी RTO से अनुमति
आप बाइक के रंग को भी बदल सकते हैं लेकिन इसके लिए भी आपको RTO में अनुमति लेनी होगी। बता दें कि RTO से NOC के बाद ही आप अपनी बाइक को नया रंग दे सकते हैं। सबसे पहले आपको रजिस्टर सर्टिफिकेट (RC) बुक के साथ उस RTO में जाना होगा जहां से आपकी बाइक रजिस्टर हुई है। फिर RTO के अप्रूवल लेटर मिलने के बाद आप अपनी बाइक को पेंट करवा सकते हैं।
मामूली शुल्क का भुगतान करना होगा
रंग बदलवाने के बाद आपको इसकी जानकारी RTO ऑफिस में देनी होगी। जहां अधिकारी आपकी RC में रंग का बदलाव दर्ज करेगा। आपको बता दें कि इसके लिए आपको सरकार द्वारा तय किये गए मामूली शुल्क का भुगतान करना होगा। यह पूरी प्रक्रिया बहुत आसान है और इसे पूरा होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। ध्यान रहे कि बाइक के मॉडिफिकेशन के लिए हमेशा कानून द्वारा निर्धारित की गई प्रक्रिया को पूरा करें।
न्यूजबाइट्स प्लस जानकारी
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52(1) के अनुसार कंपनी की तरफ से दी जाने वाली सभी फीचर्स को बनाए रखना बेहद जरूरी है। नियम के तहत कार या बाइक में अतिरिक्त किसी भी प्रकार का मॉडिफिकेशन गैर कानूनी है।