घर बैठे बनवाएं अपने वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट, जानिए क्या है प्रक्रिया
क्या है खबर?
वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट बहुत जरूरी होता है। इसके जरिए वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराना बहुत आसान हो जाता है। यह फिटनेस सर्टिफिकेट क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) द्वारा जारी किया जाता है।
ऐसे में यदि आप भी गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको भी फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होगा।
खास बात यह है कि आप यह फिटनेस सर्टिफिकेट घर बैठे भी बनवा सकते हैं। ऐसे में यहां जानते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया।
परिचय
क्या होता है फिटनेस सर्टिफिकेट?
फिटनेस सर्टिफिकेट RTO से जारी एक आधिकारिक दस्तावेज है, जो प्रमाणित करता है कि वाहन सार्वजनिक जगहों पर चलने के लिए पूरी तरह से फिट है।
सभी मोटर वाहनों के लिए पंजीयन प्रमाण पत्र के साथ वैध फिटनेस सर्टिफिकेट भी बेहद आवश्यक होता है।
मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के नियमों के अनुसार, वाहन का पंजीयन तभी मान्य समझा जाता है जब उस वाहन के पास उचित और प्रभावी वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट हो।
महत्व
क्यों पड़ती है फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत?
फिटनेस सर्टिफिकेट जुर्माने से बचने के लिए तो है ही मगर इसे जारी करने का खास मकसद वाहन से निकलने वाले धुएं की मात्रा की निगरानी करना और उसे नियंत्रण में रखना है।
इसके अलावा फिटनेस सर्टिफिकेट आपको अपने वाहन के स्वास्थ्य को समझने में भी मदद करता है।
यह आपको वाहन की अनुचित स्थिति के कारण होने वाली किसी भी प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं से बचने में भी मदद करता है।
जानकारी
फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए कैसे करें आवेदन?
वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के दो तरीके हैं।
पहला तरीका ऑफलाइन है जिसके लिए आपको RTO ऑफिस जाना होता और हमेशा से भारत में इसी प्रक्रिया को अपनाया जाता है।
दूसरा तरीका ऑनलाइन आवेदन का है जिसे कुछ समय पहले ही शुरू किया गया है। कोरोना महामारी को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन की ओर रुख कर रहे हैं और इसमें लोग घर बैठे ही सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।
प्रक्रिया
कैसे करें ऑफलाइन आवेदन?
ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले RTO ऑफिस जाकर फॉर्म 20 और 38 लेना होगा।
इन फॉर्मों में पूछे गए आवश्यक जानकारी को भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा।
गौरतलब है कि फॉर्म जाम करने के साथ ही आपको मांगी गई फीस का भुगतान भी करना होगा।
इसके अलावा आपको अपने वाहन को निरीक्षण के लिए भी लाना होगा, जहां सर्टिफिकेट जारी करने के लिए वाहन की जांच की जाएगी।
प्रक्रिया
कैसे किया जाता है ऑनलाइन आवेदन?
ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको सड़क और परिवहन विभाग द्वारा जारी साइट parivahan.gov.in पर जाना होगा।
यहां पर आप अपनी गाड़ी के नंबर से लॉगिन हो सकेंगे, जिसके आब आपको 'एप्लीकेशन फॉर फिटनेस सर्टिफिकेट' विकल्प पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद आपको दिए गए विकल्पों में से ऑनलाइन सर्विस के विकल्प को चुनना होगा, जहां आपसे गाड़ी के चेसिस नंबर और मोबाइल नंबर मांगे जाएंगे।
इसके बाद एक OTP आएगा जिसे भरने के बाद आप पेमेंट विकल्प में पहुंच जाएंगे।
भुगतान
सर्टिफिकेट के लिए करना होता है भुगतान
चाहे ऑनलाइन आवेदन हो या ऑफलाइन आपको दोनों जगह पर कुछ भुगतान करने होंगे।
जहां ऑफलाइन आवेदन में आपको हाथों-हाथ भुगतान का विकल्प मिलता है, वहीं, ऑनलाइन में आपको 'फिटनेस फी' नाम का एक पेज मिलता है।
यहां पूछी गई सारी जानकारियों को भरने के बाद आपको ऑनलाइन भुगतान का विकल्प मिलता है।
भुगतान पूरी होने के बाद आपको एक रसीद प्राप्त होती है, जिसमें आपको भुगतान और आवेदन से संबंधित सारी जानकारियां होती हैं।
खर्च
आवेदन करने में कितना खर्च आता है?
फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन राशि वाहनों के साइज और उनके प्रकार पर निर्भर करती है।
अगर दोपहिया वाहनों की बाते करें तो मैनुअल गाड़ियों के लिए 200 रुपये और ओटोमेटिक के लिए 400 रुपये लगते हैं। वहीं, तिपहिया वाहनों के लिए यह 400 और 600 रुपये हैं।
भारी वाहनों के लिए यह राशि 1,000 रुपये तक जाती है।
इसके अलावा रिन्युवल के लिए 200 रुपये और डुब्लिकेट सर्टिफिकेट के लिए 7,500 रुपये चुकाने होते हैं।
वैधता
कितने समय के लिए मान्य होता है फिटनेस सर्टिफिकेट?
फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता इस बात पर निर्भर करती है कि वाहन निजी है या व्यावसायिक।
निजी वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता पंजीयन के समय से 15 वर्ष तक होती है। इसके बाद मालिकों को हर पांच साल बाद रिन्युवल कराना होगा।
दूसरी ओर, कमर्शियल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता केवल दो साल के लिए होती है। 8 साल बाद ऐसे वाहनों को हर साल रिन्युवल के लिए आवेदन करना होता है।
जानकारी
इन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
फिटनेस सर्टिफिकेट के आवेदन के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है। इसके लिए आपको गाड़ी के इंसयूरेन्स पेपर, रॉक्स टैक्स भुगतान की रसीद, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की ओरिजनल कॉपी, प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, ऐड्रेस प्रूफ और फोटो की जरूरत होगी।