कंपनी द्वारा किए गए दावे से कम क्यों होता है कार का वास्तविक माइलेज?
नई कार खरीदते समय ग्राहक उसके माइलेज की जांच जरूर करते हैं ताकि उन्हें उसका उपयोग करने के लिए अधिक पैसे खर्च न करने पड़ें। ग्राहकों द्वारा पूछे जाने पर सेल्समैन ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) द्वारा प्रमाणित माइलेज बताता है। उस माइलेज को सुनकर ग्राहक कार खरीद लेते हैं, लेकिन जब वह उसका उपयोग करते हैं तो वह उससे कम माइलेज देती है। इसके कई कारण होते हैं, जो नीचे बताए गए हैं।
कार का उपयोग करने पर मिलता है कम माइलेज
ज्यादातर लोग कार का अधिक उपयोग रोजाना घर से ऑफिस और ऑफिस से घर आने-जाने के लिए करते हैं। कार ड्राइव करते समय उन्हें पता चलता है कि उन्हें मिलने वाला माइलेज कंपनी द्वारा बताया गए माइलेज से कम है। ऐसा होने पर वह पहली सर्विस के दौरान इसकी जानकारी सर्विस मैकेनिक को देते हैं और वह इसका कारण नया इंजन होना आदि बता देता है, लेकिन कुछ समय बाद भी कार ARAI द्वारा प्रमाणित माइलेज नहीं देती है।
माइलेज में होता है लगभग 20 प्रतिशत का अंतर
समय के साथ-साथ कार का उपयोग करते हुए ग्राहकों को पता चल जाता है कि उनकी कार कंपनी द्वारा बताए गए माइलेज से लगभग 20 प्रतिशत कम माइलेज देती है। हालांकि, हाईवे पर ड्राइविंग करने वाले लोगों को शहरी इलाकों में ड्राइविंग की अपेक्षा बेहतर माइलेज मिलता है, लेकिन वह भी कंपनी द्वारा बताए गए माइलेज से कम ही होगा। इसके पीछेेे भी कई कारण होते हैं।
ARAI कैसे करती है परीक्षण?
कंपनी द्वारा दावा किया गया माइलेज ARAI से प्रमाणित होता है। ARAI इसका परीक्षण करने के लिए सड़कों की जगह चेसिस डायनामोमीटर का उपयोग करती है, जो सड़क और हाईवे की तरह बनाया जाता है। माइलेज के सफल परीक्षण के बाद ARAI इसे प्रमाणित करती है। ARAI सहकारी सरकारी संस्था है, जो ऑटो संबंधित उत्पादों का मूल्यांकन करने के लिए अनुसंधान और विकास (R&D) करती है। इसकी स्थापना 1966 में भारत की सरकार और ऑटोमोटिव उद्योग द्वारा की गई थी।
क्यों अधिक होता है ARAI का माइलेज?
सड़कों की जगह डायनामोमीटर पर परीक्षण करने के कारण भी ARAI द्वारा प्रमाणित माइलेज ज्यादा होता है। ARAI 10 किलोमीटर कार चलाकर परीक्षण करती है और वह इस दूरी को लगभग 19 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति से डायनामोमीटर पर 19 मिनट में तय कर लेती है। कार की स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होती। वहीं, लोगों द्वारा अधिक स्पीड में कार चलाने से भी वास्तविक माइलेज परीक्षण में प्राप्त माइलेज से कम हो जाता है।
परीक्षण में कार का एयर कंडीशन नहीं होता चालू
इसके अलावा ARAI के परीक्षण में कार का एयर कंडीशन भी चालू नहीं होता है। वहीं, लोग गर्मियों में सफर के दौरान इसका उपयोग करते हैं, जिसका सीधा असर माइलेज पर पड़ता है। इस कारण भी ARAI द्वारा प्रमाणित माइलेज वास्तविक से कम होता है।
क्यों कम होता है वास्तविक माइलेज?
ग्राहकों द्वारा ड्राइविंग करने पर कार से मिलने वाला माइलेज वास्तविक माइलेज कहलाता है। वास्तविक माइलेज कंपनी द्वारा बताए गए माइलेज से कई कारणों की वजह से अलग होता है। कार का माइलेज ड्राइविंग करने के तरीके पर भी निर्भर करता है। खराब ड्राइविंग के कारण भी कार कम माइलेज देती है। इसके अलावा खराब सड़कों पर अधिक ड्राइविंग करने से भी कार के माइलेज पर बुरा असर पड़ता है। अच्छी सड़कों पर कार अच्छा माइलेज देती है।
हाईवे पर कार क्यों देती है अच्छा माइलेज?
शहरों और हाईवे पर ड्राइविंग करने पर कार अलग-अलग माइलेज देती हैं। शहरी इलाकों में सड़कें खराब भी होती हैं। साथ ही उन पर ट्रैफिक भी होता है। ऐसे में ट्रैफिक में बार-बार ब्रेक लगाने, स्पीड कम करने और इंजन को बंद कर चालू करने से भी कार के माइलेज पर बुरा असर पड़ता है। वहीं, हाईवे पर अच्छी सड़कों और कम ट्रैफिक के कारण एक रफ्तार में कार दौड़ती है और अच्छा माइलेज देती है।
किस माइलेज पर करें भरोसा?
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि ARAI द्वारा प्रमाणित माइलेज से वास्तविक माइलेज 20 प्रतिशत कम होता है। इसलिए अगर कंपनी का दावा है कि उसकी कार 20 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है तो ग्राहकों को मानकर चलना चाहिए कि वह 16 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देगी। हालांकि, कार का माइलेज कई कारकों पर निर्भर करता है। इसलिए अपनी कार का वास्तविक माइलेज जानने के लिए डैशबोर्ड पर लगे इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर नजर बनाएं रखें।