टेस्ला और BYD से भारतीय कार बाजार में नहीं होगी बड़ी हलचल, रिपोर्ट में किया दावा
क्या है खबर?
टेस्ला भारत में काराेबार शुरू करने के करीब है और संभावना है कि अगले महीने यहां उसकी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री शुरू हो जाए।
दुनियाभर के कई प्रमुख बाजारों में बिक्री की कमी का सामना कर रही एलन मस्क की कंपनी भारतीय बाजार में बढ़त बनाने का लक्ष्य बना रही है।
आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज के अध्ययन में दावा किया है कि टेस्ला और BYD के भारतीय कार बाजार में कोई बड़ा बदलाव लाने की संभावना नहीं है।
चुनौती
विदेशी कंपनियों के समक्ष हैं ये चुनौतियां
रिपोर्ट में बताया गया है कि टेस्ला और BYD जैसी वैश्विक वाहन निर्माता कंपनियों को भारतीय कार बाजार में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
विनफास्ट और JSW MG मोटर्स जैसी कंपनियों का प्रतिस्पर्धी प्रभाव सीमित है।
इसके लिए 4 प्रमुख कारणों का हवाला दिया है, जो सख्त EV नीति, चीनी कंपनियों के लिए निवेश प्राप्त करने में चुनौतियां, 2 प्रतिशत वाला छोटा EV बाजार और वैश्विक कंपनियों के लिए 2-4 साल का लंबा उत्पाद स्थानीयकरण चक्र है।
कीमत
टेस्ला कारों को क्यों नहीं मिलेंगे ज्यादा ग्राहक?
टेस्ला के पास भारतीय बाजार के लिए उपयुक्त एक किफायती कार लाइनअप पेश करने का अभाव है।
सबसे सस्ती टेस्ला कार मॉडल-3 की कीमत अमेरिका में 30,000 डॉलर से शुरू होती है, जो आयात शुल्क और अन्य करों को छोड़कर 26 लाख रुपये से अधिक होती है।
भारत में बिकने वाले अधिकांश इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 20 लाख रुपये से कम है। मॉडल Y, मॉडल S और मॉडल X जैसी अन्य टेस्ला कारों की कीमत और भी अधिक है।
व्यापार संबंध
चीन और भारत के व्यापार संबंध बड़ी बाधा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि BYD भले ही दुनियाभर में झंड़े गाढ़ रही हो, लेकिन भारतीय बाजार में मजबूती से पैर जमाने की संभावना नहीं है।
इसके पीछे एक प्रमुख कारण भारत में सख्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रतिबंध हैं, जिससे खासकर चीनी कंपनियां प्रभावित हैं, जिसके लिए दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक संबंध जिम्मेदार हैं।
यही कारण है BYD और MG मोटर्स जैसी कंपनियों को भारत में पैर जमाने में संघर्ष करना पड़ा है।