
USAID फंडिंग की गहन जांच कराएगी सरकार, कांग्रेस ने की श्वेत पत्र जारी करने की मांग
क्या है खबर?
भारत में मतदान बढ़ाने के लिए USAID द्वारा की गई फंडिंग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सरकार इस मामले की गहन जांच करने की तैयारी कर रही है।
कहा जा रहा है भारत और अमेरिका ने एक सूची का आदान-प्रदान किया है, जिसमें NGO, प्रभावशाली लोगों, पत्रकारों, विद्वानों और थिंक टैंकों के नाम शामिल हैं।
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस ने श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।
सूची
सूची का विश्लेषण कर रही दोनों देशो की सरकारें- रिपोर्ट
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से कहा कि दोनों देशों की सरकारें सूची का अध्ययन कर रही हैं और जल्द ही लेन-देन के विवरण पर कार्रवाई करेंगी।
सूत्रों ने बताया कि यह सूची अमेरिकी और भारतीय प्रशासन दोनों के पास उपलब्ध है। सारे लेन-देन की जांच होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल सरकार ने USAID से जिन लोगों को फंडिंग मिली है, उनमें से कुछ व्यक्तियों को सवाल भेजना शुरू कर दिया है।
संदिग्ध लेन-देन
जांच में कुछ संदिग्ध लेन-देन सामने आए
रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों से विदेश यात्राओं की जानकारी भी मांगी जा रही है। अब तक की जांच में कुछ 'अप्राकृतिक' लेन-देन भी देखे गए हैं, जिनकी गहन जांच की जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने चुनावों में कथित बाहरी हस्तक्षेप को गंभीरता से लिया है और तत्काल चिंता इस बात की है कि क्या 2024 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने या हस्तक्षेप करने का प्रयास किया गया था।
कांग्रेस
कांग्रेस ने की श्वेत पत्र जारी करने की मांग
कांग्रेस ने मांग की है कि भारत सरकार को इस मामले पर श्वेत पत्र लाना चाहिए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा, 'USAID इन दिनों काफी चर्चा में है। वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए जा रहे दावे कम से कम कहने के लिए तो बेतुके हैं। फिर भी भारत सरकार को जल्द से जल्द एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, जिसमें दशकों से USAID द्वारा सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए समर्थन का विस्तृत विवरण हो।'
बयान
ट्रंप के बयान ने बढ़ाया विवाद
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, "हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे (बाइडन प्रशासन) किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारत सरकार को बताना चाहिए। भारत के पास पहले से ही काफी पैसा है। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं, लेकिन भारत के चुनाव में 2.1 करोड़ की फंडिंग देने का क्या मतलब है?'
मामला
क्या है मामला?
हाल ही में एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने कई देशों को दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग पर रोक लगाई थी। इसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 182 करोड़ रुपये की फंडिंग भी शामिल थी।
अमेरिका ने बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 251 करोड़ और नेपाल में राजकोषीय संघवाद और जैव विविधता संरक्षण के लिए 338 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी रद्द कर दी थी।