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क्या हादसे का कारण भी बन सकती है ADAS तकनीक? जानिए क्या है सच्चाई 
कार में ADAS तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता से हादसा भी हो सकता है (तस्वीर: फ्रीपिक)

क्या हादसे का कारण भी बन सकती है ADAS तकनीक? जानिए क्या है सच्चाई 

Oct 13, 2024
10:39 am

क्या है खबर?

भारत में वर्तमान में आ रही ज्यादातर नई कारों में एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) दिया जा रहा है। कार निर्माता भी इसे अपनी गाड़ी में एक प्रमुख फीचर के तौर पर पेश कर रही हैं। कंपनियों का दावा है यह तकनीक सुरक्षित ड्राइविंग में मदद करती है और हादसे की संभावना को कम करने में सहायक है। इस फीचर के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। आइये जानते हैं ADAS तकनीक से क्या परेशानी आ सकती है।

काम 

इस तरह से काम करता है ADAS  

ADAS तकनीक काम करने के लिए कैमरों और सेंसर के एक रेंज का उपयोग करती है, जो ज्यादातर गाड़ी के आगे और पीछे लगे होते हैं। ये सभी सेंसर गाड़ी के आस-पास के क्षेत्र को स्कैन करते हैं और उससे प्राप्त जानकारी को खास तौर पर डिजाइन किए गए सॉफ्टवेयर को देते हैं। इसके बाद यह सॉफ्टवेयर कार में लगे कंप्यूटरों और सेफ्टी सिस्टम को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देता है।

निर्भरता 

अत्यधिक निर्भरता से हो सकता है हादसा 

गाड़ियों में ADAS का एक हद तक इस्तेमाल उपयोगी है, लेकिन जब चालक इस पर अत्यधिक निर्भर हो जाता है तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। अगर, इस तकनीक से जुड़े सेंसर खराब हो जाएं तो वे सड़क की स्थिति का गलत आकलन कर इसकी जानकारी गाड़ी के कंप्यूटर को भेज सकते हैं। ऐसी स्थिति में गाड़ी की प्रतिक्रिया सड़क की स्थिति के विपरीत होगी, जिससे कार दूसरे वाहन या सड़क पर चल रहे यात्रियों से टकरा सकती है।

भटकाव 

ड्राइविंग से ध्यान भटकाती है यह तकनीक

इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाइवे सेफ्टी (IIHS) के एक अध्ययन से पता चला है कि ADAS से लैस गाड़ियों में चालक पूरी तरह से ड्राइविंग पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। उन्हें आपात स्थिति में निपटने के लिए ADAS पर भरोसा होता है। इस कारण वे दूसरी गतिविधियों जैसे- खाने-पीने या फोन का इस्तेमाल करने में लग जाते हैं। ऐसे में इस तकनीक में खराबी आने पर वे विपरीत परिस्थिति में गाड़ी पर आसानी से नियंत्रण नहीं रख पाते।

सड़क संकेत 

सड़कों पर है संकेतकों की कमी  

भारत में बनी अधिकांश शहरी सड़कों और राजमार्गों पर उपयुक्त सड़क चिह्न की कमी है। इस कारण कई बार सामान्य सड़क से गाड़ी को हाइवे पर मोड़ने से ADAS सिस्टम के लिए आने वाले वाहन या पैदल यात्री की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इस तकनीक के सेंसर्स के सही से काम करने के लिए उचित अंकन और सड़क संकेतों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इस तकनीक का रखरखाव और बीमा महंगा पड़ता है।