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सरकार ने अश्लील कंटेंट पर कसा शिकंजा, जानिए डाउनलोड और कमाई 
सरकार ने अश्लील कंटेंट वाली 25 स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर रोक लगा दी है

सरकार ने अश्लील कंटेंट पर कसा शिकंजा, जानिए डाउनलोड और कमाई 

Jul 26, 2025
12:33 pm

क्या है खबर?

भारत सरकार ने अश्लील कंटेंट को बढ़ावा देने के आरोप में 25 स्ट्रीमिंग सर्विसेज को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। यह दक्षिण एशियाई देश की अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल कार्रवाई में से एक है। यह उल्लू और ऑल्ट जैसी बेहद लोकप्रिय सर्विसेज को प्रभावित करता है, जो वयस्कों के लिए अश्लील सामग्री पेश करती हैं। आइये जानते हैं देश में प्रतिबंधित की गई इन स्ट्रीमिंग सर्विसेज के ऐप्स को कितने डाउनलोड मिले और कितनी कमाई की है।

कमाई 

अन्य ऐप्स से कम है सब्सक्रिप्शन फीस

टेकक्रंच ने ऐपफिगर डाटा के हवाले से बताया कि 25 स्ट्रीमिंग सर्विसे में से 10 ने गूगल प्ले और ऐप स्टोर पर अपने ऐप्स के जरिए इन-ऐप खरीदारी की सुविधा दी। इससे लॉन्च के बाद से लगभग 10.5 करोड़ डाउनलोड के साथ कुल 57 लाख डॉलर (4,900 लाख रुपये) की कमाई हुई। इन ऐप्स की कमाई कम होने के पीछे बड़ी वजह इनकी नेटफ्लिक्स और अन्य वैश्विक प्लेटफॉर्म्स की तुलना में कम सब्सक्रिप्शन फीस है।

ऑल्ट 

सबसे आगे रही ऑल्ट

प्रतिबंधित इन ऐप्स में सबसे ऊपर ऑल्ट रही है, जिसे लॉन्च से अब तक 5.7 करोड़ डाउनलोड मिले। इसकी मूल कंपनी बालाजी टेलीफिल्म्स ने पिछले दिनों खुलासा किया था कि उसके स्ट्रीमिंग ऐप ने 2025 में 10.6 लाख ग्राहक जोड़कर 2.02 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। उल्लू ने 4.25 करोड़ ने डाउनलोड किया है और इसने करीब 48 करोड़ रुपये की कमाई की है। मूडएक्स इस मामले में तीसरे पायदान पर है, जिसे 15.13 लाख ने डाउनलोड किया।

प्रतिबंध 

इन ऐप्स पर लगा है प्रतिबंध 

रिपोर्ट के अनुसार, ऑल्ट और उल्लू के अलावा बिग शॉट्स, डेसिफ्लिक्स, बूमेक्स, नवरसा लाइट, गुलाब, कंगन, बुल, जलवा, वाओ एंटरटेनमेंट, लुक एंटरटेनमेंट, हिटप्राइम, शोएक्स, सोल टॉकीज, हॉटएक्स VIP, मोजफ्लिक्स, फेनेओ, ट्राइफ्लिक्स, अड्डा टीवी, नियोनएक्स VIP, हलचल, फूगी जैसे ऐप शामिल हैं। इनमें से कुछ स्ट्रीमिंग सर्विसेज या तो ऐप स्टोर पर कभी सूचीबद्ध नहीं हैं या पहले ही हटा दी गईं। इसके बजाय अपने ऐप्स को सीधे APK डाउनलोड के रूप में उपलब्ध कराती थीं।

कानून 

इस कानून के तहत की गई कार्रवाई 

सरकार ने इन ऐप्स पर कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 और 67A, भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 294 और अश्लील चित्रण निषेध अधिनियम, 1986 की धारा 4 के तहत की है। इन कानूनों के अनुसार, कोई भी ऐसा कंटेंट जो महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाता हो, सामाजिक मूल्यों को बिगाड़ता हो या अश्लीलता फैलाता हो, उसे रोकना जरूरी है। सरकार ने अश्लील सामग्री स्ट्रीम करने वाली हजारों वेबसाइट्स को भी ब्लॉक कर दिया।