
वीर परिवार सहायता योजना क्या है, इससे सैनिकों और उनके परिवारों को क्या होगा फायदा?
क्या है खबर?
भारतीय सेना में तैनात सैनिकों के लिए बड़ी खबर है। अब से सीमाओं पर तैनात सैनिकों के परिवारों को कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि सैनिक इन कानूनी मुद्दों में उलझने की बजाए बेफिक्र होकर देश की सेवा कर सकें। इसके लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) आज 'वीर परिवार सहायता योजना' का शुभारंभ करने जा रहा है। इसका उद्देश्य सैनिकों को राष्ट्र की सेवा करते समय कानूनी बोझ से मुक्त करना है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
योजना
क्या है वीर परिवार सहायता योजना?
इस योजना के तहत, NALSA सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) सहित रक्षा कर्मियों और अर्धसैनिक बलों की ओर से पारिवारिक संपत्ति विवादों, घरेलू संघर्षों, भूमि संबंधी मुद्दों और अन्य कानूनी चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाएगा। इस योजना का उद्देश्य दूरदराज और जोखिम वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के परिवारों को सक्रिय कानूनी सहायता प्रदान करना है।
फायदा
सैनिकों को क्या होगा फायदा?
दरअसल, सैनिक अक्सर दुर्गम इलाकों में अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर तैनात रहते हैं। इन्हें कानूनी सहायता या अदालती सुनवाई में शामिल होने के लिए छुट्टी नहीं मिलती है, जिससे कानूनी मामलों को संभालने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे सैनिकों के साथ-साथ परिजनों को भी परेशानी होती है। इस योजना से पूरे देश में में सैनिक और उनके परिवारों के लिए कानूनी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
काम
सैनिकों को कैसे मिलेगी कानूनी सहायता?
मान लीजिए कोई जवान लद्दाख में तैनात है और उसके गृह राज्य में जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, तो उसे छुट्टी लेकर कोर्ट में पेश नहीं होना होगा। इसके लिए NALSA राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) को जिम्मेदारी देगा। योजना के तहत मुफ्त में वकीलों की नियुक्ति, मामलों की तेज सुनवाई के लिए विशेष समन्वय और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सैनिकों के बयान आदि कराना भी शामिल है।
शुरुआत
कहां से आया योजना शुरू करने का विचार?
दरअसल, ये विचार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने रखा था, जो इसी साल भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश भी नियुक्त होंगे। NDTV ने सूत्रों के हवाले से कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के बाद जस्टिस सूर्यकांत ने महसूस किया कि न्यायपालिका को इन सैनिकों के लिए कुछ करना चाहिए जो हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए डटे रहते हैं।" योजना से अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी फायदा होगा।
शुभारंभ
श्रीनगर में जस्टिस सूर्यकांत करेंगे औपचारिक शुरुआत
NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सूर्यकांत आज श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में इस योजना का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। समारोह में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी उपस्थित रहेंगे। देश के इतिहास में ये पहली बार होगा, जब सैनिकों के लिए इस तरह की योजना की शुरुआत की जाएगी। इस योजना का संदेश है, "आप सीमा पर देश की रक्षा करें, हम आपके परिवार की रक्षा करेंगे।"