दिल्ली में नो-एंट्री के समय भी चल सकेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, सरकार लाई नया नियम
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हल्के माल वाहक इलेक्ट्रिक वाहनों (e-LCV) को विशेष छूट दी है। इसके तहत हल्के ई-माल वाहक वाहन दिल्ली में नो-एंट्री वाले घंटों में भी चल सकेंगे। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने पुराने डीजल इंजन वाली गाड़ियों को इलेक्ट्रिक किट के साथ बदलने की भी मंजूरी दी है ताकि इन गाड़ियों को भी सड़कों पर उतारा जा सके।
परिवहन मंत्री ने कही ये बात
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा नोटिफाई की गई नो-एंट्री वाली सड़कों पर हल्के ई-माल वाहन के चलने और पार्किंग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब 250 सड़कें हैं जहां व्यावसायिक वाहनों की नो एंट्री है, पर इन सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जा सकेंगे। आपको बता दे कि इन सड़कों पर सुबह 7 से 11 बजे तक और शाम को 5 बजे से 9 बजे तक प्रतिबंध है।
इन मालवाहक वाहनों को मिली है मंजूरी
नए नियमों के तहत L5N श्रेणी के इलेक्ट्रिक तिपहिया माल वाहक और N1 श्रेणी के इलेक्ट्रिक माल वाहक, जिनका कुल वजन 3.5 टन तक है, अब किसी भी समय दिल्ली की सड़कों पर चल सकेंगे और इन पर किसी भी तरह की रोक नहीं होगी।
इन वाहनों को किया जाएगा जब्त
दिल्ली और उसके आस-पास से आने वाले पुराने वाहन, खास कर 10 साल से अधिक पुराने किसी भी डीजल वाहन को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही दिल्ली की सड़कों पर चलते पाए जाने पर इन्हे जब्त कर लिया जाएगा। सभी स्टेज कैरिज बसों को भी अनिवार्य रूप से वैध प्रमाण पत्र के साथ चलना आवश्यकता है। अगर उनके पास वैध प्रमाण पत्र नहीं पाया जाएगा तो उनका चालान किया जाएगा।
डीजल इंजन को ई-इंजन में बदल कर चला सकते हैं गाड़ी
परिवहन मंत्री ने कहा कि डीजल इंजन वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक इंजन में बदल कर 10 सालों से अधिक समय तक इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली अब इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) से इलेक्ट्रिक इंजन के तौर पर रेट्रोफिटिंग होने के लिए तैयार है। अगर वाहन फिट पाए जाते हैं तो उन्हे डीजल इंजन से इलेक्ट्रिक इंजन में बदला जा सकता है। इसके लिए निर्माताओं का एक पैनल भी तैयार किया जाएगा।
दिल्ली में बढ़ी है इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री
परिवहन मंत्री गहलोत ने बताया कि EV नीति शुरू करने के बाद से इलेक्ट्रिक हल्के व्यावसायिक वाहन (e-LCV) की बिक्री 46 से बढ़कर 1,054 हो गई है। इस तरह रजिस्ट्रेशन में 95.6 फीसद की वृद्धि है। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि सभी तरह के ई-वाहनों को अपनाने की दिशा में आज यह निर्णय एक मील का पत्थर साबित होगा और इससे दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा।"