देशी कंपनियों के इन दमदार वाहनों से देश की सुरक्षा करती है भारतीय सेना
क्या है खबर?
देश की सीमाओं की रक्षा करने में आज हमारी अपनी महिंद्रा और टाटा जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियां सेनाओं की सहायक बनी हुई हैं। इनके बनाए जा रहे वाहन सशक्त बलों को और भी सशक्त बना रहे हैं।
चाहे वह सीमाओं पर गश्त करना हो या देश के भीतर शांति बनाना हो, इन सब के लिये हमारे जवान खराब मौसम और परिस्थितियों का सामना करते हैं। आइए नजर डालते हैं ऐसे में रक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ वाहनों पर।
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महिंद्रा मार्क्समैन बुलेटप्रूफ SUV
भारतीय ऑटो बाजार में महिंद्रा एक ऐसा नाम है, जो दमदार पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों के साथ-साथ सेनाओं के लिए भी वाहन बनाने के लिए मशहूर है।
सुरक्षा बलों के पास महिंद्रा की बनाई हुई मार्क्समैन है, जिसकी खासियत है कि यह एक बुलेटप्रूफ SUV है। इस पर बंदूक की गोलियों के अलावा ग्रेनेड यानी बम भी बेअसर है।
इस कार में छह लोगों के बैठने की क्षमता दी गई है।
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महिंद्रा मेवा स्ट्रैटन प्लस APC
महिंद्रा मेवा स्ट्रैटन प्लस APC एक सामान्य फुल-साइज SUV से भी कुछ बड़ा वाहन है, इसे एक मिनी ट्रक कहा जा सकता है।
इस ट्रक पर किसी भी तरह के विस्फोटों और बैलिस्टिक धमाके का असर नहीं पड़ता है। इसे खासकर IED विस्फोटों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है।
बख्तरबंद मेवा स्ट्रैटन प्लस फोर्ड F550 पर आधारित है, जिसका प्रयोग सैनिकों के आवागमन के लिए किया जाता है।
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टाटा मर्लिन
टाटा मर्लिन एक हल्का बख्तरबंद मल्टीपर्पज वाहन (LAMV) है। मीडिया रिपोर्ट्स में इसके लुक्स के चलते इसे देशी 'हमर' की संज्ञा दी गई है। हालांकि, यह हमर से कहीं अधिक मजबूत है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कार साल 2019 में सेना का हिस्सा बनी थी।
इसमें STANAS 4569 लेवल-1 की सुरक्षा मिलती है। जिसका मतलब है कि यह कार आर्टिलरी, ग्रेनेड और माइन के धमाकों को आसानी से झेल सकती है।
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कल्याणी M4
कल्याणी M4 भी एक बख्तरबंद मल्टीपर्पज कार है जिसका उपयोग खराब मौसम वाले क्षेत्रों में और ऊंचाई पर सैनिकों के आवागमन के लिए किया जाता है।
इसका इस्तेमाल मशीन गन, ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की ढुलाई के लिए भी किया जाता है।
कल्याणी M4 पिछले साल की शुरुआत में भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुई है। इसका डीजल इंजन का लगभग 465bhp की पावर और 1627Nm का टॉर्क बना सकता है।