
धूप में खड़ी करने पर इस तकनीक से अपने आप ठीक हो जाएंगी कार की खरोंच
क्या है खबर?
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कार पर लगी खरोंच खुद-ब-खुद गायब हो जाएं? आप कहेंगे ऐसा सिर्फ मनुष्य का शरीर कर सकता है कार नहीं। सेल्फ-हीलिंग की क्षमता सिर्फ जीवित प्राणियों के भीतर होती है।
आप सही हैं, लेकिन कोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (KRICT) के शोधकर्ताओं ने वाहनों के लिए एक ऐसे कोटिंग मैटेरियल की खोज की है जो सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर 30 मिनट में खुद को ठीक कर सकता है।
तकनीक
मौजूदा तकनीक में नहीं थी यह खूबी
दक्षिण कोरिया के इंस्टीट्यूट द्वारा की गई इस शोध के निष्कर्षों को ACS एप्लाइड पॉलिमर मैटेरियल्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
यह नई विकसित तकनीक कई क्षेत्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
वाहनों के लिए मौजूदा समय में उपलब्ध सुरक्षात्मक कोटिंग एक उत्कृष्ट स्थायित्व के साथ आती है, यह पारदर्शी और रंगहीन होती है, जिससे वस्तु का मूल रंग भी बचा रहता है, लेकिन इसमें खरोंच को पूर्ण रूप से ठीक करने जैसी खूबी नहीं होती है।
तकनीक
क्या है यह तकनीक?
KRICT के शोधकर्ताओं द्वारा बनाई गई यह कोटिंग मौजूदा तकनीक की तरह ही टिकाऊ और पारदर्शी है।
यह कोटिंग मैटेरियल सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके 30 मिनट के भीतर स्वयं की दरारों को ठीक कर सकती है। विशेष रूप से सूर्य के प्रकाश में 1,000 से 1,100 nm की निकट वेवलेंथ में यह बेहतर काम करती है।
दरअसल, गर्म सतह पर होने या तेज प्रकाश पड़ने पर इसमें मौजूद कण आपस में जुड़ने लगते हैं।
जानकारी
इस प्रकार किया इस मैटेरियल का परीक्षण
इस सेल्फ-हीलिंग पारदर्शी कोटिंग का परीक्षण करने के लिए, रिसर्च टीम ने प्रयोगशाला स्तर पर मॉडल कार को स्प्रे-कोटिंग मशीन से कोट किया। दोपहर की धूप में सेल्फ-हीलिंग कोट लगाने के लगभग 30 मिनट बाद कार की खरोंच पूरी तरह से गायब हो गई।
योजना
क्या है कंपनी की आगे की योजना?
रिसर्च टीम इस मैटेरियल तकनीक का उपयोग वाहनों के साथ-साथ भवन या सड़क निर्माण सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (कंप्यूटर और स्मार्टफोन) आदि के लिए भी करने की योजना बना रही है।
इसके अतिरिक्त, इसमें कम हानिकारक कार्बनिक सॉल्वैंट्स का उपयोग होता है, जो कार्बन तटस्थता प्राप्त करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। क्योंकि वाहनों को फिर से रंगते समय पर्यावरण के लिए हानिकारक कई मैटेरियल्स का इस्तेमाल होता है।