जुलाई में बिकने वाली हर दो कारों में से एक SUV, लगातार बढ़ रही लोकप्रियता
वर्तमान में भारतीय बाजार में SUVs की जबरदस्त मांग है। यही वजह है कि वाहन बनाने वाली कंपनियां इस सेगमेंट की ओर सबसे अधिक ध्यान दे रही हैं। SIAM की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई के बिक्री आंकड़े बताते हैं कि देश में बिकने वाली हर दो कारों में से एक SUV है। बाजार के इस रुझान को देखते हुए कंपनियां इस साल अब तक कई बेहतरीन SUVs लॉन्च कर चुकी हैं और कई लॉन्च होने को तैयार हैं।
जुलाई के बिक्री आंकड़ों में SUVs
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा शुक्रवार को जारी जुलाई के वाहन बिक्री आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में बेची गईं SUVs की बाजार में हिस्सेदारी लगभग 47 प्रतिशत रही है। यहां जुलाई में लगभग 2.94 लाख पैसेंजर चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई थी, जिनमें से कुल 1.37 लाख SUVs थीं। मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी प्रमुख कार निर्माता कंपनियां तेजी से इस सेगमेंट की ओर फोकस बढ़ा रही हैं।
लोग देने लगे हैं फीचर्स पर अधिक ध्यान
गौरतलब है कि देश में हैचबैक गाड़ियों की बिक्री सबसे अधिक होती है। हालांकि, जिस तरह पिछले कुछ समय से SUVs का बाजार बढ़ रहा है। ऐसे में लग रहा है कि कुछ वक्त में ही इनकी बिक्री देश में हैचबैक को पछाड़ देगी। रिपोर्ट में किये गए विश्लेषण में बताया गया है कि कार खरीदने वाले लोग अब इनके फीचर्स पर पर ज्यादा ध्यान देते हैं और अधिक कीमत खर्च करने को तैयार रहते हैं।
कम हो रही हैचबैक कारों की बिक्री
यह आंकड़े भारत में हैचबैक कारों की बिक्री के सिकुड़ने की ओर इशारा करते हैं। कभी चार पहिया वाहन उद्योग की रीढ़ बनने वाला यह सेगमेंट अब घटकर 40 फीसदी से भी कम रह गया है। हैचबैक कारों ने ही मारुति सुजुकी को भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनाया है। 2018-19 की तुलना में मारुति सुजुकी की हैचबैक बिक्री में 29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
मारुति भी कर रही अपनी SUVs में इजाफा
हैचबैक की बिक्री में गिरावट के चलते मारुति सुजुकी भी अब अपने SUV पोर्टफोलियो के विस्तार पर लगी है। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने कहा, ".... दूसरी ओर SUV सेगमेंट का विकास जारी है। हमारे पास इस सेगमेंट में प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए पर्याप्त मॉडल नहीं थे, हालांकि अब फेसलिफ्ट की गई ब्रेजा और ग्रैंड विटारा की वैश्विक पेशकश से स्थिति काफी बेहतर हो गई है।"