भारत में क्या है वाहनों को स्क्रैप करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया?
क्या है खबर?
भारत में स्क्रैपेज नीति लागू हो चुकी है और अगर आप भी अपनी पुरानी हो चुकी गाड़ी को स्क्रैप (नष्ट) करने जा रहे हैं तो इसके लिए आपको लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा।
अगर इनमें से किसी भी प्रक्रिया को सही से पालन नहीं किया गया तो सर्टिफिकेट लेने में दिक्कत आ सकती है। बता दें स्क्रैप सर्टिफिकेट से नई कार खरीदने पर 5 प्रतिशत की छूट मिलती है।
तो चलिए पूरी प्रक्रिया को जानते हैं।
#1
रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपर्स से करें संपर्क
आपको अपने वाहनों को हमेशा रजिस्टर्ड स्क्रैपर से ही स्क्रैप करवाना चाहिए। इसके लिए आप संबंधित राज्य सरकार की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपर्स की लिस्ट देख सकते हैं और फिर अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं।
इसके अलावा Cero या मारुति सुजुकी टॉयत्सु इंडिया (MSTI) जैसी निजी रिसाइक्लिंग यूनिट की तरत भी स्क्रैप कर सकते हैं।
MSTI को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। यह सालाना 24,000 स्क्रैप वाहनों को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
#2
वाहन को भेजना
स्क्रैप करने की प्रक्रिया में दूसरा स्टेप वाहन को सौंपना है।
इसमें आमतौर पर स्क्रैपर जिसे ELV भी कहा जाता है, को जरूरी दस्तावेज के साथ वाहन को सौंपना पड़ता है।
इन दस्तावेजों में स्क्रैप करने के लिए आवेदन, रजिस्टर्ड मालिक का पता, मालिक के पैन कार्ड की कॉपी, आधार कार्ड, रजिस्टर्ड प्रमाण पत्र, वाहन बीमा पॉलिसी जैसे कागजात शामिल हैं।
कुछ राज्यों में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) को भी एक आवेदन पत्र भेजने की जरूरत होती है।
#3
तरल पदार्थों और जरूरी पुर्जों को निकालना
इसके बाद स्क्रैपिंग प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें गाड़ी से इंजन ऑयल, गियरबॉक्स ऑयल, एंटी-फ्रीज, कूलेंट आदि जैसे तरल पदार्थों को निकाला जाता है और सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षित रूप से उनका निपटान किया जाता है।
इसके बाद पहिए, हुड, दरवाजे, इंटीरियर, ड्राइवशाफ्ट, वायरिंग हार्नेस, फ्यूल टैंक, एग्जॉस्ट पाइप, मफलर आदि को हटा दिया जाएगा साथ ही वाहन से दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले पुर्जों को हटा दिया जाता है।
#4
VIN नंबर सौंपना
नष्ट करने से पहले स्क्रैपर वाहन पहचान संख्या (VIN) को काट कर अलग कर देता है।
पहले स्क्रैपर्स ग्राहक को VIN सौंपते थे, लेकिन नए नियमों में स्क्रैपर्स को VIN को छह महीने तक रखना अनिवार्य है।
इसके बाद इसे सरकारी डेटाबेस पर अपडेट किया जाता है ताकि वाहन को डीरजिस्टर्ड किया जा सके।
बाद में ग्राहक को स्क्रैपेज मूल्य दिया जाता, जो आमतौर पर वाहन मूल्य का 4 से 6 प्रतिशत होता है।
#5
सर्टिफिकेट जारी करना
अंत में स्क्रैपर नष्ट किए गए वाहन के लिए सर्टिफिकेट जारी करता है।
ग्राहक इस स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट का उपयोग नई कार पर लगभग 5 प्रतिशत की छूट पाने के लिए कर सकते हैं, जबकि राज्य सरकारें ग्राहकों को कम रोड टैक्स के रूप में छूट और स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के साथ रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ कर सकती हैं।
वहीं, सरकार स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत खरीदे गए नए वाहनों पर लगने वाले टैक्स में GST छूट देने का विचार भी कर रही है।