डीजल गाड़ियों से कितनी बेहतर होती हैं पेट्रोल वाली गाड़ियां, इस तुलना से समझें
गाड़ी लेते समय गौर करने वाली जरूरी बातों में से एक होता कि गाड़ी कौन सी ली जाए-पेट्रोल या डीजल। कीमत, रखरखाव और माइलेज के बीच के अंतर को देखते हुए अक्सर कार खरीदारों को इस सवाल का सामना करना पड़ता है कि पेट्रोल गड़ियों को चुने या डीजल वाली गाड़ियां। अगर आप भी पेट्रोल या डीजल वाहनों को लेकर हमेशा से उलझन में रहते हैं, तो हम आपको इनके बीच के अंतर को बताने जा रहे हैं।
कीमत
कीमत के मामले में कारों के डीजल वेरिएंट की कीमत पेट्रोल वेरिएंट से ज्यादा होती है। 10 लाख से कम कीमत वाली कारों में डीजल और पेट्रोल वेरिएंट की शोरूम कीमत में 1 से 1.5 लाख तक का अंतर पाया जाता है। वहीं, इनकी ऑन-रोड कीमत में अंतर और भी ज्यादा होता है। ऐसा डीजल कार में लगे रजिस्ट्रेशन शुल्क की वजह से होता है। BS6 मानदंड लागू होने के बाद से यह अंतर और भी अधिक हो गया है।
माइलेज
डीजल इंजन वाली कार की माइलेज पेट्रोल इंजन से ज्यादा होती है। एक लीटर डीजल एक लीटर पेट्रोल की तुलना में अधिक ऊर्जा पैदा करता है। साथ ही डीजल इंजन में ईंधन को सीधे सिलेंडर में स्प्रे किया जाता है। इस वजह से इसमें ईंधन की कम खपत होती है और कार की माइलेज बढ़ जाती है। इसके अलावा डीजल इंजन को स्पार्क प्लग की जरूरत भी नहीं होती है, जो इसके माइलेज को बढ़ाता है।
परफॉर्मेंस
डीजल इंजन पेट्रोल इंजन की तुलना में अधिक शक्तिशाली होते हैं, जिससे यह इंजन हाई टॉर्क जनरेट करता है और इसलिए ये कारें आसान ड्राइव का अनुभव देती हैं। दूसरी ओर डीजल से चलने वाली कारों में शोर और कंपन पेट्रोल से चलने वाली कारों की तुलना में बहुत अधिक होता हैं, जो आपके ड्राइविंग अनुभव को खराब कर सकता है। पेट्रोल इंजन में कम्प्रेशन अनुपात के कारण पावर कम होती है, जबकि डीजल इंजनों में यह अधिक होती है।
मेंटेनेस लागत
मेंटेनेस लागत एक ऐसी चीज है आपके महीने भर के बजट को बिगाड़ सकती है। अगर गाड़ी को बार-बार ठीक करवाना पड़े तो यह काफी खर्चीला साबित हो सकता है। डीजल कारों की मेंटेनेंस लागत पेट्रोल कारों से ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डीजल वाहनों में इस्तेमाल होने वाले इंजन ऑयल और स्पेयर अधिक महंगे होते हैं। वहीं, दूसरी तरफ पेट्रोल इंजन की लाइफ डीजल इंजन से ज्यादा होती है।
प्रदूषण
गाड़ियों से निकलने वाला धुआं एक ऐसी चीज है जिससे सभी परेशान हैं। डीजल कार से निकलने वाला उत्सर्जन पेट्रोल गाड़ियों से ज्यादा पर्यावरण को प्रदूषित करता है। ग्रीनहाउस गैसों के साथ, डीजल इंजन नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्पन्न करते हैं जो CO2 की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक हानिकारक होते हैं। इसी कारण सरकार ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ियों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रही है। साथ ही बहुत सी कंपनियों ने भी इन गाड़ियों का निर्माण बंद कर दिया है।