
कार में भूलकर भी न कराएं ये मॉडिफिकेशन, अटक सकता है बीमा क्लेम
क्या है खबर?
कई लोग अपनी कार को स्टाइलिश बनाने के लिए मॉडिफाई कराना पसंद करते हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि यह आपके बीमा क्लेम में भी रोड़ा बन सकता है।
अगर, आप भी अपनी गाड़ी में बाजार से कोई भी एक्सेसरीज और इलेक्ट्रिक उपकरण लगवाने जा रहे हैं तो यह जान लेना जरूरी है कि इनमें से कौनसा मॉडिफिकेशन नुकसानदायक हो सकता है।
आइए जानते हैं गाड़ी में किया गया कौनसा बदलाव बीमा क्लेम में बाधा पैदा कर सकता है।
कानून
क्या कहता है कानून?
जब आप कार लेते हैं तो क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में रजिस्ट्रेशन कराते समय उसमें कार के हर पार्ट से लेकर पेंट तक की जानकारी दर्ज होती है।
कुछ समय बाद लोग गाड़ी को लग्जरी बनाने के लिए इसमें नई एक्सेसरीज जोड़ते चले जाते हैं।
जानकारों का कहना है कि इंटीरियर में अपहोल्स्ट्री, फ्लोरमैट, इंफोमेंट सिस्टम और ड्राइवर डिस्प्ले आदि काे अपडेट कराना कानूनी तौर पर सही है और इसका बीमा क्लेम पर कोई असर नहीं पड़ता है।
इंजन
इंजन में बदलाव पड़ सकता है भारी
गाड़ी की एक्सटीरियर में किया गया बदलाव बीमा क्लेम पास कराने में रोड़ा बन सकते हैं।
अगर, आप कार का रंग बदलवाते हैं तो इसके लिए आपको RTO से अनुमति लेने के अलावा बीमा कंपनी को भी अवगत कराना होगा।
जानकारी नहीं देने पर यह बदलाव भारी पड़ सकता है। कई लोग कार की परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए लोग इंजन में बदलाव कराते हैं।
इसे बीमा कंपनी स्पीड बढ़ने के कारण हादसों के लिए जिम्मेदार मानकर क्लेम अटका सकती है।
व्हील
क्या बदलवा सकते हैं व्हील?
कई लोग गाड़ियों में चौड़े और स्टाइलिश व्हील और बुलबार लगवा लेते हैं, जिससे लुक तो शानदार हो जाता है, लेकिन ये हादसे का भी खतरा बढ़ा देते हैं। यह बीमा क्लेम रद्द होने का कारण बन सकता है।
इंटीरियर ब्रेक्स और ससपेंशन में मॉडिफिकेशन कराने के बाद भी क्लेम नहीं ले पाएंगे।
आपने कोई भी बदलाव कराया है तो इसके बारे में बीमा कंपनी को अवगत कराए ताकि, प्रीमियम की फिर से गणना कर सके।