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    तालिबान ने की अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- महिलाओं को शरिया कानून के मुताबिक अधिकार देंगे
    तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस

    तालिबान ने की अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- महिलाओं को शरिया कानून के मुताबिक अधिकार देंगे

    लेखन मुकुल तोमर
    Aug 18, 2021
    09:49 am

    क्या है खबर?

    तालिबान ने मंगलवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान ने अपना एक उदार चेहरा दिखाने की कोशिश की और महिलाओं को शरिया कानून के हिसाब से काम करने का अधिकार देने की बात कही।

    इसके अलावा उसके सांस्कृतिक ढांचे के अनुरूप मीडिया भी देश में काम कर सकेगा।

    तालिबान ने अन्य देशों को भी आश्वस्त किया है कि उन्हें अफगानिस्तान से कोई खतरा पैदा नहीं होगा।

    प्रेस कॉन्फ्रेंस

    20 साल के संघर्ष के बाद देश को आजाद किया- तालिबान

    तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "20 साल के संघर्ष के बाद हमने देश को आजाद कर लिया है और विदेशियों को देश से बाहर निकाल दिया है। ये पूरे देश के लिए गौरव का पल है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसी को नुकसान नहीं होने देंगे। इस्लामी अमीरात सभी देशों से वादा करता है कि किसी भी देश को अफगानिस्तान को कोई खतरा नहीं होगा।"

    महिलाओं के अधिकार

    महिलाओं को काम करने का अधिकार देने पर ये बोला तालिबान

    महिलाओं को अधिकार देने के सवाल पर तालिबान ने कहा, "हम शरिया कानून के तहत महिलाओं के अधिकार तय करने को प्रतिबद्ध हैं। महिलाएं हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकेंगी। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। हम महिलाओं को अपनी व्यवस्था के भीतर काम करने और पढ़ने की अनुमति देने जा रहे हैं। महिलाएं हमारे समाज और हमारे ढांचे के भीतर अब बहुत सक्रिय होंगी।"

    बयान

    तालिबान बोला- हमें हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काम करने का अधिकार है

    अपना रुख साफ करते हुए तालिबान ने कहा, "हमें हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काम करने का अधिकार है। दूसरे देशों के अलग-अलग दृष्टिकोण, नियम और कानून हैं। हमारे मूल्यों के अनुसार अफगानों को अपने नियम और कानून तय करने का अधिकार है।"

    शांति की अपील

    देश के बाहर या अंदर कोई दुश्मन नहीं चाहते- तालिबान

    अफगानिस्तान में संघर्ष बंद करने की बात कहते हुए तालिबान ने कहा, "हम सुनिश्चित करेंगे कि अफगानिस्तान अब संघर्ष का मैदान नहीं रहे। हमने उन सभी को माफ कर दिया है जिन्होंने हमारे खिलाफ लड़ाइयां लड़ी। अब हमारी दुश्मनी खत्म हो गई है। हम अब बाहर या देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं चाहते हैं। अब हम काबुल में अराजकता देखना नहीं चाहते।"

    उसने कहा कि किसी से कोई पूछताछ नहीं होगी और वे किसी से बदला नहीं लेंगे।

    मीडिया

    तालिबान ने कहा- देश में पहले की तरह काम कर सकेगी प्राइवेट मीडिया

    देश में मीडिया के काम करने पर तालिबान ने कहा कि वह अपने सांस्कृतिक ढांचे के अंतर्गत मीडिया को काम करने देने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने साफ किया कि उसके राज में प्राइवेट मीडिया पहले की तरह काम कर सकेगा।

    मुजाहिद ने कहा, "मीडिया को हमारी कमियों पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम राष्ट्र की अच्छे से सेवा कर सकें। लेकिन मीडिया को ये भी ध्यान में रखना चाहिए कि इस्लामी मूल्यों के खिलाफ कोई काम नहीं होना चाहिए।"

    पृष्ठभूमि

    तालिबान ने रविवार को किया था अफगानिस्तान पर कब्जा

    गौरतलब है कि काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरा अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में आ गया है। तालिबान ने युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा है कि वह जल्द ही नई शासन व्यवस्था की जानकारी देगा।

    अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके स्टाफ ने रविवार को ही देश छोड़ दिया था।

    तालिबान का राज वापस आने के बाद अफगान महिलाएं सबसे ज्यादा डरी हुई हैं जिन्हें उसके पहले शासन में अत्याचारों को सामना करना पड़ा था।

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