रोबोट डॉग्स कर रहे अमेरिकी सीमाओं की निगरानी, ले रहे हैं सैनिकों की जगह
अमेरिका और मैक्सिको सीमा से सैनिक गायब हो गए हैं और उनकी जगह रोबोट डॉग्स ले रहे हैं। सीमा पर होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए अमेरिका इन रोबोट्स पर खर्च कर रहा है और सीमा पर रोबो डॉग्स दिखना आम हो चुका है। रोबोट्स की मदद से निगरानी की जरूरत को लेकर अमेरिका का कहना है कि 2,000 मील वाले क्षेत्र में ज्यादा सैनिकों की जरूरत पड़ती, जो काम अब रोबोट्स की मदद से आसान हो गया है।
सैनिकों के मुकाबले बेहतर हैं रोबोट डॉग्स
अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के मुताबिक, रोबोट डॉग्स सीमाओं पर निगरानी के लिए सैनिकों के मुकाबले इसलिए भी बेहतर हैं क्योंकि सीमा पर मौसम बहुत खराब रहता है। रोबोट डॉग्स के साथ मौसम के चलते प्रभावित होने या थकने जैसी परेशानी सामने नहीं आती। हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो यह अकेली वजह नहीं है, जिसके चलते अमेरिका रोबो डॉग्स को अपना रहा है और इससे जुड़े अन्य पहलू भी हैं।
स्थानीय लोग रोबो डॉग्स को लेकर सहज नहीं
बेशक अमेरिका सीमा पर मौसम और हालात के मुश्किल होने की बात करता हो लेकिन वहां भी बड़ी आबादी रहती है। सामने आया है कि सीमा पर रहने वाले लोग चार पैरों वाले रोबोट्स को लेकर सहज नहीं हैं। दरअसल, इधर-उधर घूमते रोबोट्स का नजारा केवल साइंस फिक्शन फिल्मों में देखने को मिलता है। ये रोबोट्स लोगों को डरा रहे हैं और इनकी मौजूदगी सामान्य होने में अभी वक्त लग सकता है।
पब्लिक सर्विलांस से जुड़ी है शुरुआत
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका सीमा पर रोबोट्स की मदद से पब्लिक सर्विलांस की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका-मैक्सिको सीमा एक बड़े प्रोजेक्ट का टेस्टिंग ग्राउंड है, जिसके तहत नए गैजेट्स और डिवाइसेज को सर्विलांस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार नई टेक्नोलॉजी आजमाने के लिए जोर दे रही है और स्थानीय लोगों की ओर से दी गई चेतावनियों को भी उनकी सुरक्षा के नाम पर नकार रही है।
शरणार्थियों के लिए परेशानी बन सकते हैं रोबोट्स
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह का सर्विलांस गलत है और सीमाओं के बजाय उनपर नजर रखी जा रही है। ऐक्टिविस्ट्स का तर्क है कि सर्विलांस और पुलिसिंग तकनीक का मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर इस्तेमाल शरणार्थियों के लिए ज्यादा खतरनाक है। अमेरिका की ओर से कही बात इसके ठीक उलट है और वह रोबोट्स के इस्तेमाल को सुरक्षित बता रहा है। साफ है कि रोबोट्स के इस्तेमाल को लेकर स्थानीय लोग और अमेरिकी सरकार एकमत नहीं हैं।
क्या सुरक्षित नहीं है रोबोट्स का इस्तेमाल?
अमेरिकी सरकार ने सर्विलांस से जुड़े रोबो डॉग्स के लिए घोस्ट रोबोटिक्स के साथ पार्टनरशिप की है। कंपनी का कहना है कि रोबोट्स का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित है और लोगों की भलाई के लिए किया जा रहा है। कोविड-19 महामारी जैसे मुश्किल दौर में भी सामान की डिलिवरी से लेकर दवाएं पहुंचाने तक रोबोट्स मददगार साबित हुए हैं। इनके इस्तेमाल को लेकर लोगों का भरोसा जीतना भी जरूरी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
दुनिया की सबसे एडवांस्ड ह्यूमनॉएड अभी हांग कांग बेस्ड कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की सोशल ह्यूमनॉएड रोबोट सोफिया को माना जाता है। फरवरी, 2016 में ऐक्टिवेट की गई सोफिया किसी सामान्य इंसान की तरह बातचीत कर सकती है और आसपास की चीजें समझती है।