कौन है अफगानिस्तान का गृह मंत्री और FBI का 'मोस्ट वांटेड' सिराजुद्दीन हक्कानी?
क्या है खबर?
तालिबान ने मंगलवार रात को अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया। इसमें हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृह मंत्री का पद दिया है।
सिराजुद्दीन लंबे समय से विभिन्न आतंकी सूचियों में शामिल है और अमेरिका की FBI के मोस्ट वॉन्टेड है। अमेरिका ने उस पर करीब 70 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
उसके संगठन पर पिछले 20 सालों में कुछ बड़े आतंकी हमले करने का आरोप है।
यहां जानते हैं उनका पूरा इतिहास।
जीवन
1970 के दशक में हुआ था हक्कानी का जन्म
अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के अनुसार, हक्कानी का जन्म 1973 और 1980 के बीच अफगानिस्तान या पाकिस्तान के किसी इलाके में होना बताया जाता है। वह तालिबान का एक उप नेता और हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है।
हक्कानी नेटवर्क को अमेरिका ने साल 2012 में एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया था। कहा जाता है कि हक्कानी नेटवर्क के आतंकी संगठन अल-कायदा के साथ भी बेहद घनिष्ठ संबंध है।
समूह
जलालुद्दीन ने की थी हक्कानी नेटवर्क की स्थापना
हक्कानी नेटवर्क तालिबान से संबद्ध एक अर्ध-स्वतंत्र समूह है। इसकी स्थापना सिराजुद्दीन के पिता जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी।
उसने साल 2018 में अपनी मौत से कुछ समय पहले ही पूरे संगठन की कमान अपने बेटे को सौंप दी थी।
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के अनुसार, हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में अमेरिका, उसकी गठबंधन सेना और अफगान बलों को निशाना बनाने वाला सबसे घातक और परिष्कृत विद्रोही समूह माना जाता है।
FBI
FBI की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है हक्कानी
जांच एजेंसी की वेबसाइट के अनुसार, हक्कानी FBI की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है और अमेरिकी विदेश विभाग ने उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने के लिए 10 मिलियन डॉलर यानी करीब 70 करोड़ रुपये का इनाम देने की पेशकश की है।
जनवरी 2008 में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक होटल पर हुए हमले के सिलसिले में FBI द्वारा पूछताछ के लिए वह वांछित है, जिसमें एक अमेरिकी नागरिक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी।
आतंक
अफगानिस्तान में कई घातक हमलों के पीछे रहा है हक्कानी नेटवर्क का हाथ
हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इस संगठन को आत्मघाती हमलों में महारथ हासिल है।
इसी संगठन ने 2008 में तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या का प्रयास भी किया था।
इसी तरह उसने अफगानी और अमेकिरी अधिकारियों का अपहरण करने और फिरौती मांगने का भी काम किया है।
हक्कानी नेटवर्कन ने जुलाई, 2008 में भारतीय दूतावास के बाहर हमला भी किया था जिसमें 58 लोगों की मौत हुई थी।
बयान
अमेरिका तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को मानता है अलग-अलग संगठन
विडंबना यह है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने पिछले महीने कहा था कि वह तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को दो अलग-अलग समूह मानता है। विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "तालिबान और हक्कानी नेटवर्क दो अलग-अलग संस्थाएं हैं।"
नियुक्ति
तालिबान ने की अपनी अंतरिम सरकार के मंत्रियों की घोषणा
इस बीच, तालिबान ने मंगलवार को अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार के 33 मंत्रियों की घोषणा कर दी है। इसमें किसी भी महिला को जगह नहीं दी गई है।
तालिबान के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच एक समझौता उम्मीदवार की भूमिका निभाने वाले मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अंतरिम प्रधानमंत्री और अब्दुल गनी बरादर को अपना उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा तालिबान के मारे गए सह-संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है।