गैर मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी भारत की नागरिकता, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगे आवेदन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को नागरिकता कानून 1955 और 2009 में कानून के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत आदेश के तत्काल कार्यान्वयन के लिए इस आशय की एक अधिसूचना जारी की। इसके तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इन देशों से आए गैर मुस्लिम शरणार्थी वर्तमान में देश के गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब राज्यों के 13 जिलों में रह रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने यह जारी की है अधिसूचना
गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि नागरिकता कानून-1955 की धारा-16 में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को धारा-5 के तहत भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने या धारा-6 के अंतर्गत भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है। यह अधिसूचना सात राज्यों के 16 जिलों के अतिरिक्त है, जिन्हें पूर्व CAA प्रावधान के तहत नागरिकता देने की शक्तियां दी गई थीं।
इन जिलों में रह रहे शरणार्थी है आवेदन करने के लिए पात्र
केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के आधार पर गुजरात के मोरबी, राजकोट, पाटन, वडोडरा, छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बलोदाबाजार और राजस्थान के जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर, सिरोही जिलों में रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थी नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। इसी तरह हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के जालंधर जिले में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं।
CAA कानून को लेकर भारत हुआ था जबरदस्त विरोध
बता दें 2019 में जब CAA कानून बनाया गया था, तो देश के विभिन्न हिस्सों में इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। यहां तक कि इन विरोधों के मद्देनजर 2020 की शुरुआत में राजधानी दिल्ली में हिंसा भी हुई थी। जिसमें करीब 53 लोगों की मौत हुई थी। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
अधिसूचना में नहीं है पश्चिम बंगाल और असम का जिक्र
अधिसूचना की खास बात यह है कि इसमें पश्चिम बंगाल और असम का कोई जिक्र नहीं है, जहां हाल के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान CAA का मामला उठाया गया था, दोनों राज्य बांग्लादेश के साथ एक विशाल सीमा साझा करते हैं। चुनावों में भाजपा नेताओं ने कहा था कि CAA पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अप्रैल में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण लगाए गए लॉकडाउन से CAA के नियमों की घोषणा में देरी हो रही है।
जिला कलक्टर या गृह सचिव करेंगे आवेदनों की जांच
इस अधिसूचना के तहत आवेदन के लिए पात्रों में से अधिक भारत में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के नागरिक के रूप में पजीयंजन के लिए होने वाले आवेदनों की जांच संबंधित जिला कलक्टर या केवल हरियाणा और पंजाब के गृह सचिव ही करेंगे। इसके अलावा गृह सचिव इस तरह के आवेदनों की जांच और सत्यापन के लिए एजेंसियों की भी मदद ले सकते हैं, लेकिन अंतिम जिम्मेदारी उनकी होगी।