महामारी में लहर का मतलब क्या होता है और क्या भारत में तीसरी लहर आएगी?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत में तीसरी लहर आने की आशंका भी जताई जा रही है। सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और एक सरकारी पैनल कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कह चुका हैं।
कई जिलों और अस्पतालों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है और सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा।
इन सबके बीच आइये समझते हैं कि महामारी में लहर क्या होती है और इसका कैसे पता चलता है।
जानकारी
महामारी की लहर का मतलब क्या होता है?
महामारी में लहर का मतलब आमतौर पर कुछ समय तक संक्रमण की दर में बढ़ोतरी और गिरावट के ट्रेंड को माना जाता है। मामले बढ़ने का ग्राफ एक लहर जैसा दिखता है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पहले लहर शब्द का इस्तेमाल मौसमी संक्रमण को दर्शाने के लिए होता था। कुछ संक्रामक बीमारियां किसी खास मौसम में जोर पकड़ती हैं और कुछ समय बाद कम होने लगती हैं। फिर वही मौसम आने पर ये सिर उठा लेती हैं।
महामारी
अलग-अलग समय पर आती है लहर
कोरोना वायरस के मामले में भी ऐसा देखने को मिल रहा है। हालांकि, इस पर मौसम का असर नहीं है, लेकिन अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय में इसके मामले बढ़ते हैं और फिर कम होने लगते हैं।
भारत में अब तक दो बार ऐसा हुआ है, जब लंबे समय तक ज्यादातर जगहों पर मामले बढ़े हैं।
हालांकि, कई राज्यों और जिलों में मामलों के बढ़ने और कम होने का समय अलग-अलग होता है यानी उनमें लहर अलग-अलग समय आती है।
जानकारी
अगर तीसरी लहर आती है तो पता कैसे चलेगा?
भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने का मतलब होगा कि राष्ट्रीय स्तर पर फिर से मामले बढ़ने लगेंगे।
फिलहाल 6 मई को पीक पर पहुंचने के बाद दैनिक मामलों का ग्राफ नीचे आ रहा है। इसी तरह सक्रिय मामले भी 37 लाख के आंकड़े से कम होकर 30 लाख पर आ गए हैं।
वैज्ञानिकों के एक सरकारी पैनल का अनुमान है कि भारत में महामारी की दूसरी लहर जुलाई तक खत्म हो जाएगी।
कोरोना संक्रमण
तीसरी लहर से पहले अलग-अलग जगहों पर बढ़ते रहेंगे मामले
जुलाई के बाद अगर फिर से कई हफ्तों या महीनों तक राष्ट्रीय स्तर पर मामले बढ़ेंगे तो इसे तीसरी लहर माना जाएगा।
हालांकि, इस बीच कई-कई जगहों पर मामलों में इजाफा देखने को मिल सकता है, लेकिन वो राष्ट्रीय स्तर पर दैनिक मामलों के ग्राफ पर असर नहीं डालेंगे।
ऐसा अभी आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में देखने को मिल रहा है। यहां रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमितों की संख्या कम होती जा रही है।
बड़ा सवाल
क्या तीसरी लहर को रोका जा सकता है?
जानकारों का कहना है कि भारत में महामारी की तीसरी लहर जरूर आएगी। इसका असर कितना होगा, उसके बारे में अभी कुछ नहीं बताया जा सकता।
सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने पहले कहा था कि तीसरी लहर को किसी कीमत पर नहीं रोका जा सकता, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि कुछ सावधानियां अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
यह बहुत हद तक लोगों पर भी निर्भर करेगा कि वो महामारी से बचाव को लेकर कितने सतर्क रहते हैं।