क्या 'वैक्सीन टूरिज्म' के जरिए विदेशों में जाकर कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं भारतीय?
क्या है खबर?
कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन को कारगर उपाय माना जा रहा है, लेकिन वर्तमान में देश में वैक्सीन पर मारामारी है। इसी बीच में देश में 'वैक्सीन टूरिज्म' नाम से नया ट्रेंड शुरू हुआ है।
हाल ही में दुबई और दिल्ली की ट्रैवल एजेंसियों ने 'वैक्सीन टूरिज्म' के नाम पर मास्को की 24 दिवसीय यात्रा की पेशकश की थी, जिसमें वैक्सीन की दो खुराकों का वादा भी किया गया है।
आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।
कीमत
1.30 लाख रुपये रखी गई थी पैकेज की कीमत
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दुबई की ट्रेवल एजेंसी ने इस पैकेज के लिए 1.30 लाख रुपये की कीमत निर्धारित की थी। इसमें 21 दिनों के अंतराल में मास्को के सभी पर्यटन स्थलों की यात्रा के साथ स्पूतनिक-V की दो खुराक लगवाने की भी पेशकश की कई थी।
हालांकि, कुछ दिन बाद एजेंसी ने पैकेज अपनी वेबसाइट से हटा दिया। इसके कुछ दिन बाद ही दिल्ली की एक ट्रेवल एजेंसी ने भी बिल्कुल इसी तरह के पैकेज की घोषणा कर दी।
बयान
वर्तमान में संभव नहीं है 'वैक्सीन टूरिज्म'- गोयल
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के दिल्ली निवासी एक वरिष्ठ सदस्य सुभाष गोयल ने कहा, "वर्तमान में यह संभव नहीं है, क्योंकि अधिकांश देशों ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगा रखा है।"
उन्होंने आगे कहा, "सभी देशों द्वारा जब भी यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी तो टूर ऑपरेटर निश्चित रूप से अन्य यात्रा प्रस्तावों के बीच इस पर भी गंभीरता से विचार कर सकते हैं।"
स्पष्ट
आखिर क्या होता है वैक्सीन टूरिज्म?
भारत में 'वैक्सीन टूरिज्म' शब्द पिछले साल के अंत में प्रचलन में आया था। उस दौरान कई टूर ऑपरेटरों ने वैक्सीन खुराकों की अतिरिक्त सुविधा के साथ अमेरिका का यात्रा पैकेज लॉन्च किया था।
उसके बाद दक्षिण अफ्रीकी ऑपरेटरों ने वैक्सीन के लिए जिम्बॉब्वे तथा कनाड़ा और दक्षिण अमेरिका के ऑपरेटरों ने अमेरिका ले जाने की पेशकश की थी। इसी तरह यूरोप के ऑपरेटर लोगों को वैक्सीन के लाभ के लिए मास्को की यात्रा का ऑफर दे रहे हैं।
जानकारी
पिछले सप्ताह सैन मैरिनो पहुंचा वैक्सीन पर्यटकों का पहला दल
पिछले सप्ताह मध्य यूरोपीय गणराज्य सैन मैरिनो ने लातविया से आए अपने पहले वैक्सीन पर्यटक दल का स्वागत किया। इन लोगों को वहां पर यात्रा के साथ स्पूतनिक-V की दोनों खुराकें भी लगाई जाएगी।
सवाल
क्या वैक्सीन के लिए विदेश जा सकते हैं भारतीय?
इस संबंध में केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "भारत से किसी को भी वैक्सीन के लिए विदेश जाने की आवश्यकता नहीं हो सकती है, क्योंकि इस साल के अंत तक देश में सभी पात्र भारतीयों का उचित दरों पर वैक्सीन लगा दी जाएगी।"
हालांकि, भारत में वैक्सीन टूरिज्म का चलन बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने दुबई गए भारतीयों ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में चीनी वैक्सीन सिनोफार्म की खुराकें लगवाई है।
कारण
'वैक्सीन टूरिज्म' के प्रचलन में आने का क्या है कारण?
'वैक्सीन टूरिज्म' के चलन में आने का प्रमुख कारण अधिक आबादी वाले देशों में वैक्सीन की कमी होना है। इन देशों में मांग के अनुसार वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो रही है या फिर उम्र के आधार पर वैक्सीन लगाई जा रही है।
इसके उलट अमेरिका, रूस, स्लोवाकिया और जिम्बाब्वे में वैक्सीन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
ऐसे में अन्य देशों के लोग भी इन देशों में जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं। टूर ऑपरेटर इसी का फायदा उठा रहे हैं।
जानकारी
कई देशों में वैक्सीन को लेकर है सख्त नियम
फ्लोरिडा ने जनवरी में वैक्सीन लगवाने वालों के लिए मूल निवास प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया है। इसी तरह सिंगापुर में भी बाहर से आने वाले लोगों को वैक्सीन के लिए प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। ऐसे में यहां 'वैक्सीन टूरिज्म' चलन में नहीं है।
वैक्सीन पासपोर्ट
क्या होता है वैक्सीन पासपोर्ट?
वैसे तो वैक्सीन पासपोर्ट कहीं भी जारी नहीं किया जाता है, लेकिन देशों में यात्रा को लेकर लगाई गई शर्तों के कारण यह शब्द चलन में आया है।
हाल ही में सेशेल्स ने घोषणा की कि केवल भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से दोनों वैक्सीन लगवाकर आने वालों को ही देश में प्रवेश दिया जाएगा।
बता दें कि सेशेल्स ने 25 मार्च, 2021 से तेज गति से वैक्सीनेशन अभियान चालू करने वाले पर्यटकों के लिए अपनी सीमाओं को खोल दिया था।
अन्य
यूरोपीय संघ ने भी कम संक्रमण दर वाले देशों के लिए खोली सीमाएं
27 देशों के यूरोपीय संघ (EU) ने कम संक्रमण दर वाले देशों से वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाने वाले लोगों के लिए देश में प्रवेश देने का फैसला किया है। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, इजराइल, रवांडा और चीन से गैर-आवश्यक यात्रा की अनुमति दी है।
पहले किसी देश के कम संक्रमण की सूची में मानने के लिए प्रत्येक 10 लाख लोगों पर 25 संक्रमितों का नियम निर्धारित किया था, लेकिन अब इसे 75 संक्रमित कर दिया है।