कोरोना वैक्सीन: चीन भी करना चाहता था बांग्लादेश के साथ सौदा, भारत से कैसे पिछड़ा?
क्या है खबर?
पड़ोसी देशों को कोरोना वायरस वैक्सीन की लाखों खुराकें गिफ्ट के तौर पर प्रदान करने के भारत के कदम की दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है और इससे वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने की जुगत में लगे पड़ोसियों को राहत मिली है।
इन पड़ोसियों में बांग्लादेश भी शामिल हैं जिसे चीन भी वैक्सीन बेचना चाहता था, लेकिन चीन के कुछ शर्तें लगाने के बाद उसने भारत का रुख किया और भारत ने उसे निराश नहीं किया।
रिपोर्ट
चीन ने रखी थी क्लीनिकल ट्रायल पर आए खर्च को साझा करने की शर्त
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर, 2020 में चीन अपनी सिनोवैक कंपनी की 'कोरोनावैक' वैक्सीन को बेचने के लि बांग्लादेश सरकार से संपर्क किया था और इसके लिए सौदा करना चाहती थी।
इस सौदे की एक शर्त यह थी कि बांग्लादेश को उसके यहां हुए कोरोनावैक के क्लिनिकल ट्रायल पर आए खर्च को साझा करना होगा, हालांकि बांग्लादेश ने इससे इनकार कर दिया जिससे सौदे पर बात आगे नहीं बढ़ पाई।
भारत से मदद
भारत सरकार ने मुफ्त दीं 20 लाख खुराकें, तीन करोड़ खुराकों का कराया सौदा
चीन की इस शर्त के बाद बांग्लादेश ने भारत का रुख किया और भारत सरकार ने न केवल उसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' वैक्सीन की 20 लाख खुराकें मुफ्त प्रदान कीं, बल्कि SII के साथ तीन करोड़ खुराकों के सौदे में भी मदद की। इसमें से 30 लाख खुराकें पहले ही बांग्लादेश के पास पहुंच चुकी हैं।
भारत की ये मदद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना को दिए गए वादे के अनुरूप थी।
मदद
भारत ने इन देशों को भी मुफ्त में प्रदान की हैं वैक्सीनें
बता दें कि भारत ने बांग्लादेश के अलावा नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार, अफगानिस्तान, मॉरिशस और मालदीव आदि पड़ोसी देशों को भी कोरोना वैक्सीन की कुछ खुराकें मुफ्त प्रदान की हैं और इनमें से सात देशों में 50 लाख खुराकें तो पहुंच भी चुकी हैं।
भारत ने 7.7 लाख आबादी वाले भूटान को तो उसकी पूरी आबादी के लिए मुफ्त वैक्सीनें प्रदान करने का ऐलान किया है। इसके अलावा पाकिस्तान भी भारतीय वैक्सीनें खऱीदने का रास्ता तलाश रही है।
अहमियत
चीन के बढ़ते प्रभुत्व के बीच अहम है भारत की 'वैक्सीन डिप्लोमैसी'
बता दें कि चीन के साथ तनाव के बीच पड़ोसी देशों को मुफ्त में वैक्सीन प्रदान करने के भारत के इस कदम को कूटनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चीन पिछले काफी समय से भारत के पड़ोसी देशों विशेषकर में अपनी पैठ जमाने में लगा हुआ है, ताकि समय आने पर भारत को घेरा जा सके।
अब अपने पड़ोसी देशों की मदद करके भारत चीन की इस चाल की काट में लगा हुआ।
वैक्सीन फैक्ट्री
दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' है भारत, कोरोना महामारी से निपटने में होगी अहम भूमिका
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में भारत में सबसे अधिक वैक्सीनें बनती है और इसे दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर अमेरिका और बिल गेट्स तक कह चुके हैं कोरोना वायरस महामारी से बाहर निकलने में वैक्सीन उत्पादन की भारत की क्षमता अहम भूमिका अदा करेगी।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आश्वासन दे चुके हैं कि भारत की इस क्षमता का मानवता के भले के लिए उपयोग होगा।