#NewsBytesExplainer: पाकिस्तान में गेहूं को लेकर क्यों सड़कों पर किसान, क्या है गेहूं आयात घोटाला?
क्या है खबर?
पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अब एक और नए घोटाले की चपेट में आ गया है।
गेहूं आयात से जुड़े इस घोटाले से पाकिस्तान को करीब 300 अरब रुपये का नुकसान हुआ है, जिसके बाद किसान सड़कों पर उतर आए हैं। विवाद बढ़ता देख अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जांच समिति का गठन किया है और कहा कि वो सबकुछ देश के सामने रखेंगे।
आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।
शुरुआत
कैसे हुई मामले की शुरुआत?
2023 में पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने निजी व्यावसायिक संस्थाओं को घरेलू स्तर पर होने वाले उत्पादन की परवाह किए बिना गेहूं का आयात शुरू करने की अनुमति दी थी।
सरकार ने निजी क्षेत्र को अगस्त, 2023 से मार्च, 2024 तक 33,000 करोड़ रुपये का गेहूं आयात करने की अनुमति दी थी। इस दौरान 35 लाख टन गेहूं आयात किया गया।
हालांकि, निजी क्षेत्र ने निर्धारित समयसीमा और मात्रा के बाद भी गेहूं का आयात जारी रखा।
गेहूं
बिचौलियों ने सस्ते में खरीदकर महंगा बेचा गेहूं
आरोप लगे कि पाकिस्तान द्वारा आयात किया गया गेहूं निम्न गुणवत्ता का था और उपभोग मानकों को पूरा नहीं करता था।
इसके अलावा बिचौलियों ने गेहूं बेहद सस्ती दर पर आयात किया और ऊंचे दाम पर बेचकर मुनाफा कमाया। इस वजह से देश को 300 अरब रुपये की विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ।
पहले से ही आर्थिक संकट से जुझ रहे पाकिस्तान को इससे बड़ा झटका लगा और धीरे-धीरे मामले की परतें खुलने लगीं।
असर
गेहूं के आयात से क्या हुआ असर?
एक तो पाकिस्तान ने भारी मात्रा में गेहूं आयात कर लिया दूसरा देश में गेहूं की बंपर पैदावार हो गई। इससे गेंहू का स्टॉक ज्यादा हो गया. जिसके चलते सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदना बंद कर दिया।
पिछले साल के मुकाबले इस साल सरकार ने केवल आधा गेहूं ही समर्थन मूल्य पर खरीदा। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा और वे सस्ती कीमतों में गेहूं बेचने पर मजबूर हुए।
किसान
क्यों सड़कों पर किसान?
दरअसल, पाकिस्तान ने 40 किलोग्राम गेहूं का समर्थन मूल्य 3,900 पाकिस्तानी रुपये तय किया है। हालांकि, स्टॉक ज्यादा होने के चलते राज्य सरकारें इस मूल्य पर गेहूं नहीं खरीद रही हैं। मजबूरी में किसानों को 2,800-3,000 रुपये प्रति 40 किलोग्राम में अपने गेहूं बेचने पड़ रहे हैं।
अब किसानों ने किसान इत्तेहाद पाकिस्तान के नेतृत्व में 10 मई से देशव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है, जिसकी शुरुआत मुल्तान से होगी।
बयान
तत्कालीन प्रधानमंत्री काकर ने संलिप्तता से किया इनकार
घोटाले के वक्त पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे अनवारुल हक काकर ने किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है। जियो न्यूज के अनुसार, उन्होंने कहा, "अगर गेहूं जांच समिति मुझे बुलाती है तो मैं उसके सामने पेश होऊंगा।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके कार्यकाल के दौरान गेहूं आयात करने के लिए कोई नया कानून नहीं लाया गया था, बल्कि केवल निजी क्षेत्र को गेहूं आयात करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।
सरकार
सरकार क्या कर रही है?
मामले की जांच के लिये प्रधानमंत्री शहबाज ने एक समिति का गठन किया है। उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक ये समिति अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी।
इस बीच शरीफ ने आदेश दिया है कि किसानों को उनकी मेहनत का फल मिलना चाहिए और गेहूं की खरीद में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने ऐलान किया कि सरकार किसानों से 18 लाख टन अतिरिक्त गेहूं खरीदेगी और अधिकारियों से खरीद प्रक्रिया की निगरानी करने को कहा है।