#NewsBytesExplainer: OpenAI के वॉइस इंजन के फायदे क्या हैं और इसके खतरों को लेकर क्या चिंताएं?
हाल ही में ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने अपना वॉइस इंजन पेश किया था। यह कुछ ही सेकंड के ऑडियो सैंपल की मदद से किसी की भी आवाज की नकल कर सकता है। हालांकि, कंपनी ने इसे अभी यह कहते हुए आम लोगों के लिए रोल आउट नहीं किया है कि यह जोखिम भरा हो सकता है। आइये जानते हैं कि वॉइस इंजन के फायदे और खतरे क्या-क्या हैं और कंपनी इसे लेकर क्या कह रही है।
पहले वॉइस इंजन के बारे में समझें
यह टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के आधार पर मनचाहा ऑडियो तैयार कर सकता है, चाहे वह किसी भी भाषा में हो। अगर आप वॉइस इंजन में किसी व्यक्ति की आवाज का 15 सेकंड का ऑडियो सैंपल अपलोड करते हैं तो यह बिल्कुल उसी व्यक्ति की आवाज और उसके बोलने की तरीके की नकल करने में सक्षम है। इसके अलावा यह एक ही व्यक्ति की आवाज का विश्लेषण कर उससे अलग-अलग भाषाओं में ऑडियो क्लिप तैयार कर सकता है।
वॉइस इंजन कहां-कहां काम आ सकता है?
यह बच्चों और उन लोगों की मदद कर सकता है, जो पढ़कर नई भाषाएं सीखना या समझना चाहते हैं। चूंकि यह बोलने के तरीके की भी नकल कर सकता है तो लोगों को पढ़ा हुआ सुनने में और सहूलियत होगी। एक तकनीकी कंपनी इसका वॉइस-ओवर के लिए इस्तेमाल कर रही है। साथ ही यह छात्रों के सवालों का जवाब देने के लिए भी इस इंजन का उपयोग कर रही है।
ट्रांसलेशन में करेगा मदद
कंटेट क्रिएटर और पेशेवर लोगों के लिए यह टूल बेहद उपयोगी हो सकता है। इस टूल की मदद से वो अपनी बात अधिक और ऐसे लोगों तक भी पहुंचा सकेंगे, जो उनकी मूल भाषा नहीं समझते। इसका यह भी फायदा है कि यह लहजे की भी नकल कर लेता है, ऐसे में स्त्रोत की बात बिल्कुल उसके लहजे और तरीके से लोगों तक पहुंचेगी। इससे भाषाओं की सीमाएं भी समाप्त होंगी।
बोलने में अक्षम लोगों के भी आएगा काम
OpenAI ने बताया है कि यह ऐसे लोगों के भी काम आएगा, जो बोलने में अक्षम है। यह ऐसे लोगों को दूसरों तक अपनी बात आसानी से पहुंचाने में मदद करेगा। लिवोक्स नामक ऐप इस इंजन का इस्तेमाल कर रही है, यह दिव्यांग लोगों को बातचीत करने में मदद करती है। इसी तरह अमेरिका का एक संस्थान उन लोगों की मदद करने के लिए वॉइस इंजन का इस्तेमाल कर रहा है, जो बीमारियों के चलते बोलने में सक्षम नहीं है।
खतरों को लेकर भी है चिंता
हमने आपको इस वॉइस इंजन के कई फायदे गिना दिए, लेकिन इसके खतरे भी हैं। इन खतरों को लेकर ही OpenAI इसे रोल आउट नहीं कर रही है। कंपनी नवंबर, 2022 से ही इस पर काम कर रही है, लेकिन सुरक्षा चिंताओं के चलते कंपनी ने इस साल मार्च के आखिर तक किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी थी। 29 मार्च, 2024 को कंपनी ने पहली बार इसकी झलक दिखाई थी।
इसके क्या खतरे हैं?
हालिया समय में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जब AI वॉइस क्लोनिंग की मदद से लोगों से धोखाधड़ी की गई है। दरअसल, कुछ जालसाल अलग-अलग AI टूल्स की मदद से किसी व्यक्ति की आवाज की नकल कर लोगों से ठगी कर रहे हैं। इसके अलावा चुनावों में इसके दुरुपयोग को लेकर बड़ी चिंताएं हैं। इस साल भारत समेत दुनिया के 60 देशों में चुनाव होने हैं, जहां AI का दुरुपयोग बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।
"खतरों को उचित नहीं ठहरा सकते फायदे"
वॉइस इंजन को लेकर मैसेजिंग ऐप सिग्नल की प्रमुख मेरेडिथ व्हीट्टाकर ने लिखा कि AI से वॉइस क्लोनिंग नई चीज नहीं है और इसके खतरे भी पता है। इसके फायदे खतरों को उचित नहीं ठहरा सकते। OpenAI ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि इससे लोगों की आवाज की नकल करने के गंभीर खतरे हैं और चुनावी वर्ष में यह और गंभीर हो जाता है। इसे लेकर दुनियाभर से हितधारकों की राय ली जा रही है।
अभी कंपनी इसे लेकर क्या कर रही है?
OpenAI ने कहा कि वॉइस इंजन को इस्तेमाल करने वाले सहयोगी उसकी शर्तों पर सहमत हुए हैं, जो बिना सहमति या कानूनी अधिकार के किसी व्यक्ति की आवाज की नकल को रोकती हैं। इसे इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को यह बताना होगा कि श्रोता जो सुन रहे हैं, वह AI की मदद से तैयार की हुई आवाज है। इसके अलावा कंपनी इस तरह की आवाज पर वॉटरमार्किंग कर रही है, जिससे किसी आवाज के स्त्रोत का पता लगाया जा सके।