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#NewsBytesExplainer: पोप कौन होते हैं और ईसाई धर्म में इनकी क्या अहमियत होती है?
कैथोलिक ईसाईयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है

#NewsBytesExplainer: पोप कौन होते हैं और ईसाई धर्म में इनकी क्या अहमियत होती है?

लेखन आबिद खान
Apr 21, 2025
06:47 pm

क्या है खबर?

कैथोलिक ईसाईयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने वेटिकन में स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7:35 बजे आखिरी सांस ली। पोप के निधन पर दुनियाभर में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनियाभर के नेताओं और शख्सियतों ने संवेदनाएं जताई हैं। पोप कैथोलिक ईसाईयों के सबसे बड़े धर्मगुरु और कैथोलिक चर्चा के मुखिया होते हैं। आइए आज पोप के बारे में जानते हैं।

पोप

कौन होते हैं पोप?

पोप कैथोलिक ईसाई धर्म के सबसे बड़े धार्मिक नेता होते हैं। बता दें कि दुनिया में करीब 240 करोड़ ईसाई हैं, जिनमें से 130 करोड़ के करीब कैथोलिक हैं। ये ईसाईयों का सबसे पुराना संप्रदाय भी है। पोप की उपाधि ग्रीक शब्द 'पापास' से ली गई है। कैथोलिकों का मानना ​​है कि पोप सेंट पीटर के प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी हैं, जिन्हें ईसा मसीह ने अपने अनुयायियों का नेतृत्व करने के लिए चुना था। वे पहले पोप भी थे।

काम

पोप का क्या काम होता है?

पोप का काम धार्मिक शिक्षा की व्याख्या करना और उसे लोगों तक पहुंचाना होता है। पोप कैथोलिकों के लिए आस्था और नैतिकता के मामलों पर निर्णय लेते हैं। वे सर्वोच्च पादरी होते हैं और अपनी शिक्षाओं, धार्मिक प्रथाओं और नैतिक निर्देशों के माध्यम से चर्च का मार्गदर्शन करते हैं। पोप स्थानीय चर्चों के लिए बिशप की नियुक्ति करते हैं। पोप की जिम्मेदारी है कि वो 5 साल में कम से कम एक बार दुनिया के हर बिशप से मिलें।

ताकत

कितना ताकतवर होता है पोप का पद?

पोप कार्डिनल (पोप सलाहकारों का समूह), बिशप और चर्च के अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करते हैं। पोप चर्च के धार्मिक और प्रशासनिक मामलों का नेतृत्व करते हैं और कैथोलिक धर्म के सिद्धांतों की व्याख्या करते हैं। पोप वेटिकन का प्रमुख होता है। वहां के हर मामलों में अंतिम निर्णय का अधिकार पोप का होता है। पोप का पद भले ही धार्मिक हो, लेकिन उनका वैश्विक राजनीति और मुद्दों पर खासा प्रभाव माना जाता है।

वेटिकन

वेटिकन में रहते हैं पोप, आबादी 1,000 से भी कम

पोप दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन के धार्मिक और राजनीतिक नेता होते हैं। वेटिकन कैथोलिक ईसाईयों का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र भी है। पोप यहां के एपोस्टोलिक पैलेस में रहते हैं। यहां कोई इनकम टैक्स नहीं है। दुनियाभर के ईसाई जो दान देते हैं, उसी से देश चलता है। इटली की राजधानी रोम से घिरे वेटिकन की आबादी 1,000 से भी कम है। 1929 में हुई एक संधि के बाद इसे अलग देश की मान्यता दी गई।

इतिहास

पोप पद का इतिहास क्या है?

पोप पद की शुरुआत सेंट पीटर से हुई है। वे ईसा मसीह के 12 शिष्यों में से एक थे। बाद में उनकी हत्या कर दी गई और उनकी समाधि पर सेंट पीटर्स बेसिलिका बनी है। 313 ईस्वी में रोम के सम्राट सम्राट कॉन्सटेंटीन ने ईसाई धर्म को मान्यता दी। इसके बाद 380 ईस्वी में सम्राट थियोडोसियस प्रथम ने ईसाईयत को रोमन साम्राज्य का आधिकारिक धर्म घोषित कर दिया। पिछले करीब 2,000 सालों 260 से ज्यादा पोप बनाए गए हैं।

चुनाव

कैसे चुना जाता है पोप?

पोप का चुनाव बेहद गोपनीय होता है। पोप की मृत्यु या पद छोड़ने के 15-20 दिन के बाद नए पोप की चुनाव प्रक्रिया शुरू होती है। इसके लिए 80 साल से कम उम्र के अधिकतम 120 कार्डिनल वेटिकन में जमा होते हैं। इन सभी को चैपल में बंद किया जाता है और बाहरी दुनिया से इनका संपर्क खत्म कर दिया जाता है। ये एक पर्ची पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम लिखकर उसे एक प्याले में रखते हैं।