
फ्रांसिस की मौत के बाद नए पोप के लिए वोट देंगे ये 4 भारतीय
क्या है खबर?
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद नए पोप को चुनने की प्रक्रिया तेज हो गई है, इसके लिए एक सम्मेलन में मतदान होगा।
वेटिकन द्वारा आयोजित पोप सम्मेलन में कार्डिनल्स (चर्च के वरिष्ठ पदाधिकारी) चर्च के अगले प्रमुख का चुनाव करने के लिए एक साथ आते हैं। सम्मेलन में 4 भारतीय भी शामिल होंगे, जो नए पोप के लिए मतदान करेंगे।
आइए, जानते हैं कौन हैं ये 4 भारतीय कार्डिनल्स, जो नए पोप के चुनाव में देंगे योगदान?
चुनाव
कार्डिनल्स में शामिल हैं 138 निर्वाचक
पोप की मृत्यु के बाद, या पोप बेनेडिक्ट XVI जैसे दुर्लभ मामलों में इस्तीफे के बाद वेटिकन की ओर से कॉन्क्लेव आयोजित किया जाता है, जिसमें कार्डिनल्स भाग लेते हैं।
22 जनवरी, 2025 तक सम्मेलन के नियमों की माने तो अभी 252 कार्डिनल्स हैं, जिसमें से 138 निर्वाचक हैं। इसमें अधिकतम 120 कार्डिनल्स भाग ले सकते हैं।
सिस्टिन चैपल में होने वाले गुप्त मतदान के दौरान केवल 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल्स भाग लेंगे।
पहचान
नए पोप के लिए वोट देने वाले कौन हैं भारतीय कार्डिनल्स?
इस समय भारत में 6 कार्डिनल हैं, जिनमें से एक 80 वर्ष के हैं, एक 79 वर्ष के हैं और बाकी 80 वर्ष से कम उम्र के हैं।
ऐसे में नए पोप के लिए केवल 4 कार्डिनल मतदान कर सकते हैं, जिसमें कार्डिनल फिलिप नेरी फेरियो (72) कार्डिनल क्लीमिस बेसिलियोस (64) कार्डिनल एंथनी पूल्थ (63) और कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकड (51) शामिल हैं।
एंथनी पूला भारत के पहले दलित कार्डिनल हैं।
पहचान
कार्डिनल फ़िलिप नेरी फेरियो और कार्डिनल एंथनी पूल्थ
कार्डिनल फेरियो गोवा और दमन के आर्चबिशप और ईस्ट इंडीज के सातवें कुलपति हैं, जिन्होंने पारिवारिक मंत्रालय, अंतरधार्मिक संवाद और सामाजिक न्याय, विशेष रूप से प्रवासियों और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया है।
वे केरल के कोच्चि से हैं। उन्हें 1994 में बिशप और 2022 को कार्डिनल्स कॉलेज में पदोन्नत किया गया।
कार्डिनल पूल्थ तेलंगाना से हैं। वे बच्चों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करने के लिए समर्पित हैं। वह भारत के पहले दलित कार्डिनल हैं।
पहचान
कार्डिनल क्लीमिस बेसिलियोस और कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकाड
कार्डिनल बेसिलियोस का वर्तमान में सिरो-मलंकरा कैथोलिक चर्च के मेजर आर्कबिशप-कैथोलिकोस और त्रिवेंद्रम के मेजर आर्कबिशप के रूप में कार्य करते हैं।
उन्हें 1986 में पुजारी, अगस्त, 2001 को बिशप और 2012 में कार्डिनल्स कॉलेज में पदोन्नत किया गया।
कार्डिनल कूवाकाड एक प्रशिक्षित वेटिकन राजनयिक और केरल के सिरो मालाबार आर्कबिशप हैं।
उन्होंने जनवरी 2025 में अंतरधार्मिक वार्ता के लिए 2021 से पोप फ्रांसिस की अंतरराष्ट्रीय यात्राओं का आयोजन किया था।
वे 2024 में कार्डिनल्स कॉलेज में पदोन्नत हुए थे।
पहचान
मतदान न करने वाले 2 कार्डिनल कौन हैं?
कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस को 1970 को पादरी बनाया गया था। उन्हें 1997 में बिशप और 2007 में कार्डिनल्स कॉलेज में पदोन्नत किया गया था।
कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी भारत के सिरो-मालाबार के लिए एर्नाकुलम-अंगामलही के मेजर आर्कबिशप एमेरिटस हैं।
उन्हें 1997 में बिशप नियुक्त किया गया था। इसके बाद फरवरी 2012 को कार्डिनल्स कॉलेज में पदोन्नत किया गया था।
19 अप्रैल, 2025 के बाद, वे 80 वर्ष के हो जाएंगे, वे अपना वोट देने का अधिकार खो देंगे।
मतदान
कैसे होगा चुनाव?
करीब 120 कार्डिनल्स अपने चुने उम्मीदवार के लिए गुप्त रूप से मतदान करेंगे, अपना नाम मतपत्र पर लिखेंगे और उसे वेदी के ऊपर एक प्याले में रखेंगे।
यदि किसी उम्मीदवार को आवश्यक दो-तिहाई बहुमत नहीं मिलता, तो मतदान का एक और दौर होगा। एक दिन में अधिकतम 4 दौर हो सकते हैं।
प्रत्येक मतदान के बाद, मतपत्रों को जलाया जाता है। कोई निर्णय न होने पर काला धुआं निकलता है। पोप चुन चुन लिए जाने पर सफेद धुआं निकलता है।
जानकारी
88 साल की उम्र में हुआ पोप फ्रांसिस का निधन
कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वेटिकन ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। उन्हें फेफेड़ों में संक्रमण, दोहरा निमोनिया और अस्थमा अटैक जैसी समस्याएं थीं।