#NewsBytesExplainer: इक्वाडोर में जंग क्यों छिड़ी हुई है?
क्या है खबर?
दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। 8 जनवरी को यहां हथियारों के साथ कुछ नकाबपोश एक टीवी चैनल के लाइव शो में घुस गए और खूब हंगामा मचाया।
बंदूक लहराते हुए इन नकाबपोशों ने कर्मचारियों को बंधक बना लिया और जबरन फर्श पर लिटा दिया। इस पूरी घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।
आइए समझते हैं कि इक्वाडोर में क्यों उथल-पुथल मची हुई है।
स्टूडियो
सबसे पहले जानिए क्या है टीवी स्टूडियो में उत्पात का मामला
दरअसल, इक्वाडोरियन टेलीविजन स्टेशन TC के लाइव ब्रॉडकास्ट के दौरान मुंह पर स्कार्फ बांधे कुछ हथियारबंद बदमाश स्टूडियो में घुस आए। स्टूडियो में घुसते से ही एक बदमाश ने साथ में बम होने की बात कही और नागरिकों को मारने की धमकी दी।
इस दौरान लाइव शो में लोगों के चिल्लाने और गोलियां चलने की आवाजें भी सुनाई दीं। इन बदमाशों ने कर्मचारियों के हाथ बांध दिए और उन्हें जमीन पर लिटा दिया।
ड्रग
इक्वाडोर में हिंसा की क्या वजह है?
दरअसल, इक्वाडोर कोलंबिया और पेरू के बीच स्थित है। ये दोनों ही देश कोकीन के मुख्य उत्पादक हैं।
पिछले कुछ सालों में मैक्सिकन और कोलंबियाई ड्रग माफियाओं से जुड़े लोग इक्वाडोर में वर्चस्व जमाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से दोनों गुटों के बीच आए दिन हिंसा होती रहती है।
अक्टूबर, 2023 में जब डेनियल गोबोआ ने राष्ट्रपति का पद संभाला था तो उन्होंने देश को ड्रग माफियाओं से छुटकारा दिलाने का वादा किया था।
हिंसा
ताजा हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
इक्वाडोर में ताजा हिंसा की शुरुआत देश के सबसे खतरनाक अपराधी जोस एडोल्फो मासियास के जेल से भागने के बाद हुई है।
मासियास को 'फिटो' के नाम से भी जाना जाता है और वो संगठित अपराध, ड्रग तस्कीर और हत्या जैसे कई मामलों में 34 साल की सजा काट रहा था।
मासियास के जेल से भागने के बाद उससे जुड़े अपराधी सक्रिय हो गए और पूरे देश में हिंसा शुरू हो गई।
कैदी
रियोबांबा की जेल से भी 39 कैदी फरार
इक्वाडोर की जेल एजेंसी SNAI ने बताया कि रियोबांबा की एक जेल से भी एक मुख्य अपराधी कोलोन पीको सहित 39 कैदी फरार हो गए हैं।
पीको पर एक अटॉर्नी जनरल की हत्या की कोशिश का आरोप है। इनमें से 17 को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
SNAI का कहना है कि कई जेलों में उपद्रव की घटनाएं सामने आई हैं। बदमाशों ने 5 शहरों में 125 सुरक्षाकर्मियों और 14 प्रशासनिक अधिकारियों को बंदी बना लिया है।
आपातकाल
हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाया?
हालात बिगड़ते देख राष्ट्रपति डेनियल गोबोआ ने देश में 60 दिन का आपातकाल और रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। इसके विरोध में अपराधियों ने कई शहरों में धमाके किए और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया।
अपराधियों ने एक बंधक अधिकारी को जबरन बयान पढ़ने पर मजबूर करते हुए एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें अधिकारी कह रहा है, "आपने युद्ध की घोषणा की, आपको युद्ध मिलेगा।"
आगे
देश में अब आगे क्या हो सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि हालात और बिगड़ सकते हैं। राष्ट्रपति ने कम से कम 10 संगठनों को आतंकवादी घोषित कर दिया है और कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
टीवी स्टूडियो पर हमले के मामले में गिरफ्तार 13 लोगों पर भी आतंकवाद की धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
दूसरी ओर, माफियाओं ने भी युद्ध का ऐलान कर दिया है। इस लिहाज से जल्द ही हालात में सुधार आने की कोई उम्मीद नहीं है।
2023
इक्वाडोर के इतिहास का सबसे हिंसक साल रहा 2023
आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में इक्वाडोर में हिंसा में प्रति एक लाख लोगों पर 5 लोगों की मौत हो रही थी, लेकिन 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 46 हो गया। इस आधार पर 2023 इक्वाडोर के इतिहास का सबसे हिंसक साल रहा है।
2023 में हिंसक घटनाओं में कम से कम 7,592 लोगों की मौतें हुई, वहीं 2022 में ये आंकड़ा 4,426 था। यानी एक साल के भीतर ही ये आंकड़ा 71 प्रतिशत बढ़ गया है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
ईक्वाडोर एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसके उत्तर में कोलंबिया, पूर्व-दक्षिण में पेरू और पश्चिम में प्रशांत महासागर है। देश के बीच से भूमध्य रेखा गुजरती है और इसी आधार पर इसका नाम इक्वाडोर पड़ा है।
भारत ने 1969 में इक्वाडोर के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। कोलंबिया स्थित भारतीय दूतावास ही इक्वाडोर दूतावास के रूप में काम करता है।
2005 में इक्वाडोर ने भी दिल्ली में अपना दूतावास खोला था। मुंबई में इक्वाडोर का वाणिज्य दूतावास भी है।