#NewsBytesExplainer: करोड़ों रुपये की लागत से बनते हैं सेट, जानिए क्या होता है शूटिंग के बाद
क्या है खबर?
बॉलीवुड हो या फिर हॉलीवुड, इन दिनों फिल्मों में भव्य सेट का निर्माण होना लाजमी है। फिल्म को पर्दे पर शानदार दिखाने के लिए बड़े पैमाने पर सेट बनते हैं, जिनपर निर्माता भी करोड़ों रुपये खर्च करने से नहीं कतराते।
जिस तरह फिल्मों का बजट बढ़ता है, उसी तरह सेट निर्माण पर खर्चा होता है, लेकिन क्या आपने इस बात पर गौर किया कि शूटिंग के बाद आखिर इनका क्या होता है।
आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
ख्याल
इन बातों का रखा जाता है ख्याल
किसी भी फिल्म के लिए सेट बनाना बेहद जरूरी होता है। इसे बनाने का कार्य फिल्म की लोकेशन पक्की होने के बाद शुरू होता है ताकि सेट डिजाइनर को अपना काम करने में आसानी रहे।
सेट को बनाते समय कहानी के साथ उसके किरदारों का भी ध्यान रखा जाता है। इसके लिए डिजाइनर फिल्म से जुड़ी हर चीज के बारे में शोध करते हैं ताकि निर्देशक के दृष्टिकोण को हूबहू पर्दे पर उतारा जा सके।
तोड़ना
तोड़ दिए जाते हैं सेट
फिल्म निर्माण में सेट को बनाने पर ही करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में जब शूटिंग पूरी होती है तो इसके बाद सेट की चीजों का अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया जाता है।
अक्सर उन सेट को ध्वस्त कर दिया जाता है, जो बाद में काम नहीं आने वाले हैं। अगर कभी सेट तोड़ने से पहले या अधर में ही बजट की कमी पड़ जाती है तो काम को बीच में भी छोड़ दिया जाता है।
काम
दोबारा लिए जाते हैं काम में
अक्सर ऐसा भी किया जाता है कि जिन सेट को स्टूडियो में बनाया जाता है, उन्हें बाद में इस तरह से तोड़ा जाता है कि उसका दोबारा से इस्तेमाल हो सके।
ऐसा बड़े बजट की फिल्मों के साथ ज्यादा होता है, क्योंकि उनके सेट बनाने में अच्छी सामग्री का इस्तेमाल होता है।
ऐसे में इस सेट के हिस्सों को किसी और फिल्म में भी कुछ बदलाव करके लगा लिया जाता है। इससे पैसे और समय दोनों की बचत होती है।
जानकारी
सीक्वल के लिए सुरक्षित रखा जाता है सेट
फिल्मों में इस्तेमाल की गई चीजें या तो स्टूडियो की होती हैं या फिर प्रोडक्शन कंपनी की। ऐसे में अगर फिल्म के सीक्वल बनाने का विचार होता है तो सेट के साथ ही उसके सारे सामान को भी सुरक्षित रख लिया जाता है।
तरीका
प्रशंसकों के देखने के लिए छोड़ दिया जाता है सेट
कभी-कभी प्रोडक्शन खत्म होने के बाद सेट को वैसे ही छोड़ दिया जाता है। इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिसमें बजट न होना या फिर प्रशंसकों के लिए याद के रूप में भी ऐसा किया जाता है।
इसके अलावा कई निर्माता शूटिंग से जुड़ी कीमती वस्तुओं की नीलामी करना भी पसंद करते हैं। ये उन चीजों का चयन करते हैं, जो आगे चलकर उनके काम में नहीं आएंगी।
जानकारी
उदाहरण
एसएस राजामौली की फिल्म 'बाहुबली' का हैदराबाद की रामोजी फिल्म सिटी में भव्य सेट बना था। इसके सेट के ज्यादातर हिस्से को तो ढहा दिया गया है, लेकिन कुछ आज भी फिल्म सिटी में मौजूद हैं। इसे देखने के लिए प्रशंसक जा सकते हैं।
मंजूरी
किसी लोकेशन पर सेट बनाने के बाद ये करना जरूरी
सेट को बनाने में जहां कई महीने और कभी-कभी साल लग जाता है तो इसे तोड़ने में भी काफी समय लगता है।
अगर सेट स्टूडियो के बाहर किसी लोकेशन पर बनता है तो उसके लिए बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है।
शूटिंग के लिए लोकेशन को जिस तरह से लिया जाता है, बाद में उसे उसी स्थिति में छोड़ना होता है।
ऐसा करने के लिए शूटिंग खत्म होते ही सेट हटाने का काम शुरू हो जाता है।
सेट
इन फिल्मों के सेट पर खर्च हुए करोड़ों रुपये
संजय लीला भंसाली ने अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'देवदास' में चंद्रमुखी के कोठे को तैयार करने में 12 करोड़ रुपये लगा दिए थे तो 'जोधा अकबर' के सेट को बनाने में भी इतना ही खर्चा आया था।
इसके अलावा सलमान खान की 'प्रेम रतम धन पायो' में दिखाया गया महल 13-14 करोड़ रुपये में बना था, वहीं 'कलंक' पर 15 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
इसी तरह 'सांवरिया' और डेढ़ करोड़ से बनी 'मुगल-ए-आजम' के सेट पर भी काफी खर्चा हुआ।