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    अशोका यूनिवर्सिटी विवाद: प्रताप भानु मेहता के समर्थन में आए दुनियाभर के 150 से अधिक शिक्षाविद

    अशोका यूनिवर्सिटी विवाद: प्रताप भानु मेहता के समर्थन में आए दुनियाभर के 150 से अधिक शिक्षाविद
    लेखन प्रमोद कुमार
    Mar 20, 2021, 10:36 am 1 मिनट में पढ़ें
    अशोका यूनिवर्सिटी विवाद: प्रताप भानु मेहता के समर्थन में आए दुनियाभर के 150 से अधिक शिक्षाविद

    ऑक्सफोर्ड, येल, कोलंबिया, हार्वर्ड, प्रिंसटन और कैंब्रिज आदि यूनिवर्सिटीज से जुड़े 150 से अधिक शिक्षाविदों ने अशोका यूनिवर्सिटी से इस्तीफा देने वाले विद्वान प्रोफेसर प्रताप भानु मेहता का का समर्थन किया है। इनका कहना है कि यूनिवर्सिटी के संस्थापकों ने यह साफ कर दिया था कि मेहता का यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ा रहना एक 'राजनीतिक जवाबदेही' थी। इन शिक्षाविदों ने यूनिवर्सिटी के ट्रस्टीज, प्रशासकों और अध्यापकों को खुला पत्र लिखकर मेहता के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया है।

    मेहता ने मंगलवार को दिया था इस्तीफा

    जाने-माने राजनीतिक वैज्ञानिक और टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता ने मंगलवार को अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया था। वो मई, 2017 में कुलपति के तौर पर यूनिवर्सिटी के साथ जुड़े थे। हालांकि दो साल बाद जुलाई, 2019 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया और तभी से यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा रहे थे। उनके बाद प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यन ने भी अशोका यूनिवर्सिटी से इस्तीफा दे दिया था।

    मेहता के इस्तीफे से हैरानी- पत्र

    प्रोफेसर मेहता के समर्थन में जारी पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षाविदों ने कहा कि वो यह जानकर हैरान हैं कि राजनीतिक दबाव के चलते मेहता को यूनिवर्सिटी से इस्तीफा देना पड़ा। पत्र में आगे लिखा गया है कि मौजूदा भारतीय सरकार के मुखर आलोचक और अकादमिक स्वतंत्रता के प्रहरी मेहता अपने लेखों के कारण निशाने पर आ गए। ऐसा लग रहा है कि यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी ने उनका बचाव करने की जगह उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर किया।

    पत्र में कही गईं ये बातें

    पत्र में लिखा गया है कि मेहता ने स्वतंत्र विचार, सहिष्णुता और सम्मान नागरिकता की लोकतांत्रिक भावनाओं की बात कही है। जब किसी विद्वान को सार्वजनिक तौर पर कही गई उसकी बातों के लिए दंडित किया जाता है तो इन मूल्यों पर भी हमला होता है। जब ये बातें संवैधानिक मूल्यों के बचाव में कही होती हैं तो इस तरह का हमला और भी शर्मनाक हो जाता है। इस पत्र पर कई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों के हस्ताक्षर हैं।

    मेहता के समर्थन में इन प्रोफेसरों ने किए हस्ताक्षर

    इस पत्र पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर होमी के भाभा, एन्नी ए रॉथनबर्ग, UC बार्कले स्कूल ऑफ लॉ के डीन एर्विन चेमरिंस्की, पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, रॉजर्स सर्मिथ, क्रिस्टोफर एच ब्राउन, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर केट ओ'रेगन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर एथिक्स के निदेशक डेनियल एलेन आदि के हस्ताक्षर हैं। इन सभी ने मेहता राजनीतिक दबाव के चलते यूनिवर्सिटी से मेहता के इस्तीफे पर हैरानी व्यक्त की है।

    अशोका फैकल्टी ने भी किया मेहता का समर्थन

    प्रताप भानु मेहता के इस्तीफे के बाद अशोका फैकल्टी भी उनके समर्थन में उतर आई है। फैकल्टी ने वाइस-चांसलर मालबिका सरकार को भेजे पत्र में कहा कि प्रोफेसर मेहता का जाना फैकल्टी के चिंता का विषय है। इससे यूनिवर्सिटी की अकादमिक आजादी के प्रति प्रतिबद्धता और आंतरिक प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े होते हैं। फैकल्टी के अलावा छात्र में मेहता और सुब्रमण्यन के इस्तीफे के बाद प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी मांग है कि दोनों को वापस यूनिवर्सिटी में बुलाया जाए।

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