संयुक्त राष्ट्र के जलवायु प्रमुख ने की भारत के जलवायु नीतियों की प्रशंसा
क्या है खबर?
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु प्रमुख साइमन स्टील ने भारत की जलवायु नीतियों की तारीफ की है।
उन्होंने कहा है कि भारत न केवल अपने लक्ष्यों को पूरा कर चुका है, बल्कि कई मामलों में आगे भी बढ़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा और स्वच्छ उद्योगों में निवेश कर अपनी आर्थिक तरक्की का मार्ग प्रशस्त किया है।
स्टील के अनुसार, भारत के प्रयास पर्यावरण को बचाने और नौकरियां पैदा करने में मदद कर रहे हैं।
योजना
भारत के जलवायु प्रयास और भविष्य की योजना
भारत ने रिकॉर्ड समय में 100 गीगावाट सौर ऊर्जा स्थापित कर ली और हर गांव तक बिजली पहुंचा दी।
स्टील ने भारत को 'सौर महाशक्ति' बताते हुए कहा कि इसे अब अपनी पूरी अर्थव्यवस्था को जलवायु-अनुकूल बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।
भारत का लक्ष्य 2030 तक अपने कुल ऊर्जा उत्पादन का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करना है। 2005 से 2020 के बीच भारत ने अपने GDP उत्सर्जन तीव्रता को 36 प्रतिशत तक घटाया है।
रुख
वित्तीय सहायता पर भारत का कड़ा रुख
संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से 2031-2035 की जलवायु योजनाएं पेश करने को कहा था, लेकिन भारत समेत कई देशों ने अब तक ऐसा नहीं किया।
भारत का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता की जरूरत है, लेकिन विकसित देश इसमें सहयोग नहीं कर रहे।
भारत ने अमीर देशों द्वारा प्रस्तावित जलवायु वित्तीय सहायता को 'अत्यधिक अपर्याप्त' बताते हुए इसे 'सिर्फ दिखावा' करार दिया है।
विवाद
जलवायु वित्त पर वैश्विक विवाद
पेरिस समझौते के तहत वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने का लक्ष्य रखा गया है।
विकसित देशों को जलवायु कार्रवाई के लिए विकासशील देशों को पर्याप्त वित्तीय सहायता देनी थी, लेकिन अब तक केवल करीब 26,000 अरब रुपये की पेशकश की गई, जबकि जरूरत करीब 1 लाख अरब रुपये प्रति वर्ष की है।
भारत ने इस प्रस्ताव को 'तुच्छ' करार देते हुए कहा कि जलवायु संकट की वजह बने अमीर देशों को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।