जिसे पत्नी बनाकर घर लाया इमाम, वो निकला पुरुष; इस तरह हुआ मामले का खुलासा
क्या है खबर?
प्यार एक धोखा है! शायद युगांडा के एक इमाम यही सोच रहे होंगे।
दरअसल, इमाम को अपने निकाह के दो हफ्ते बाद उस समय झटका लगा, जब उन्हें यह पता चला कि जिसे वो अपनी बेगम समझ रहे हैं वो एक आदमी है।
इस आदमी ने स्वबुल्लाह नाबुकीरा नाम रखकर इमाम के साथ बस दो हफ्ते पहले ही पारंपरिक निकाह सेरोमनी में एक मैरिज कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया था।
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मामला
इमाम के सामने आया उनकी बेगम का कड़वा सच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शान-ओ-शौकत से किए हुए निकाह के बाद इमाम की बेगम दो हफ्ते तक इमाम से कई तरह के बहाने बनाती रही। इसलिए दोनों के बीच शरीरिक संबंध नहीं बन पाए।
मोहम्मद मुटुंबा नामक इमाम को अपनी नकली बेगम का यह कड़वा सच तब पता चला, जब उनके पड़ोसी ने उनकी बेगम पर यह आरोप लगाया कि वह दीवार कूदकर उनके घर में घुसी थी और उनका सामान चुरा लिया था, जिसमें बहुमूल्य सामान शामिल था।
जांच
पुलिस की जांच में इमाम की बेगम निकली पुरुष
इसके बाद पड़ोसी ने इमाम को बताया कि उनकी बेगम कोई औरत नहीं बल्कि आदमी है।
जब इमाम के पड़ोसी द्वारा इस मामले की थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई तो पुलिस ने इमाम की बेगम को थाने बुलाया, जिसके बाद उनकी बेगम इस्लामिक कपड़े और पैरों में महिलाओं की जूती पहनकर थाने पहुंची।
फिर एक महिला अफसर ने इमाम की बेगम की तलाशी ली। जिसके बाद चौंका देने वाली खुलासा हुआ कि बेगम साहिबा कोई महिला नहीं बल्कि पुरुष है।
पूछताछ
औरत बने आदमी ने पैसों को चक्कर में इमाम को दिया धोखा
जब पुलिस ने औरत बने आदमी से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने पैसों के लिए इमाम को धोखा दिया।
इस मामले के बारे में इमाम ने बताया कि उनकी इस युवक से मुलाकात एक मस्जिद में हुई थी तब उसने लड़की की ड्रेस पहनी हुई थी, फिर उन्होंने उसके सामने निकाह का प्रस्ताव रख दिया और वो राजी हो गया।
उन्होंने आगे बताया कि निकाह के बाद इस नकली बेगम ने उनसे पैसों की डिमांड भी की थी।
पहचान
इमाम की नकली बेगम की पहचान
औरत बने इस आदमी का असली नाम रिचर्ड तुमुशाबे है, जिसकी उम्र 27 साल है।
पुलिस ने रिचर्ड की आंटी को भी गिरफ्तार किया है क्योंकि वो भी उसके साथ मिलकर चोरी करती हैं।
आंटी ने ही इमाम के साथ रिचर्ड के निकाह की व्यवस्था की थी। दोनों का मकसद था इमाम के घर से सारे बहुमूल्यों सामानों का सफाया करना था, लेकिन दोनों का ये मकसद नकाम रहा।
दोनों ही अब जेल की सलाखों के पीछे हैं।