UAE के इस्लामी निकाय ने सूअर के मांस युक्त कोरोना वैक्सीन को दी मंजूरी

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सूअर के मांस युक्त कोरोना वैक्सीन के उपयोग को लेकर चल रहे विवाद का बुधवार को वहां के इस्लामी निकाय ने अंत कर दिया है। वहां के इस्लामी निकाय 'UAE फतवा काउंसिल' कट्टरपंथी इस्लामियों के लिए वैक्सीन के उपयोग को जायज ठहराते हुए उसे मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब वहां वैक्सीन के उपयोग को लेकर आ रही बड़ी रुकावट साफ हो गई है और जल्द ही लोगों को वैक्सीन मिल सकेगी।
दरअसल, कोरोना वायरस के खिलाफ बनाई जा रहे वैक्सीनों में सुअर के मांस के जिलेटिन का इस्तेमाल किया गया है। इसके चलते टीकाकरण को लेकर उन कट्टरपंभी मुस्लिमों की चिंता बढ़ गई है जो इस्लामी कानून के तहत सुअर के मांस से बने उत्पादों के उपयोग को 'हराम' मानते हैं। ऐसे में इन लोगों ने वैक्सीन का उपयोग करने से इनकार कर दिया था। लोगों के इस विरोध ने UAE सरकार की चिंता बढ़ा दी थी।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मामले में काउंसिल के अध्यक्ष शेख अब्दुल्ला बिन बय्या ने कहा कि यदि कोई और विकल्प नहीं है तो कोरोना वैक्सीनों को इस्लामी पाबंदियों से अलग रखा जा सकता है, क्योंकि पहली प्राथमिकता मनुष्य का जीवन बचाना है। उन्होंने कहा कि जिंदगी महत्वपूर्ण है और सुअर के मांस के जिलेटिन को दवा के रूप में इस्तेमाल करना है न कि भोजन के तौर पर। ऐसे में जीवन बचाने के लिए इसका उपयोग जायज होगा।
बता दें कि सऊदी अरब सरकार ने गत 10 दिसंबर को अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक द्वारा तैयार की गई कोरोना वैक्सीन को आपात उपयोग की मंजूरी दे दी थी। वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश था। सऊदी अरब की फूड एंड ड्रग एजेंसी ने वैक्सीन का पंजीकरण किया था। उस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन के आयात और इस्तेमाल के लिए जरूरी प्रक्रियाएं जल्द शुरू करने की बात कही थी।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 7.79 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 17.16 लाख की मौत हुई है। सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में 1.82 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 3.22 लाख लोगों की मौत हुई है। इसी तरह UAE में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,97,124 पर पहुंच गई है। इनमें से 645 की मौत हुई है और 1,72,984 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं।