जानिए कौन हैं विदिशा मैत्रा, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को किया शर्मसार
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा कश्मीर मुद्दे पर भारत पर लगाए गए आरोपों का भारत ने करारा जवाब दिया। पाकिस्तान को चारों खाने चित्त करने का ये जिम्मा विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा पर था। मैत्रा ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया और इसके लिए सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ हो रही है। आइए उनके अब तक के सफर के बारे में जानते हैं।
UN में भारतीय दल की सबसे नई सदस्य हैं मैत्रा
12 फरवरी, 1980 को जन्मीं विदिशा मैत्रा ने 2008 में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और पूरे देश में उनकी 39वीं रैंक आई थी। वह भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 2009 बैच की अधिकारी है और ट्रेनिंग के दौरान उन्हें विदेश मंत्रालय की ओर से 'बेस्ट ट्रेनिंग ऑफिसर' का गोल्ड मेडल मिला था। मैत्रा संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारतीय दल की सबसे नई सदस्य हैं और पॉलिसी प्लानिंग एंड रिचर्स (PP&R) डिवीजन में तैनात हैं।
UN में मैत्रा को मिली हुई हैं ये जिम्मेदारियां
UN में मैत्रा को सुरक्षा परिषद से संबंधित जिम्मेदारी दी गई है और वह सुरक्षा परिषद (पड़ोस/क्षेत्रीय मुद्दे) और इसमें सुधार से जुड़े मुद्दे देखती हैं। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से जुड़े मामलों को संभालने की जिम्मेदारी भी मैत्रा को दी गई है। इसके अलावा गुट निरपेक्ष देशों के बीच समन्वय और UN के जरिए दुनियाभर के चर्चित विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थान से संपर्क करने का कामकाज भी उनके जिम्मे है।
अपने जवाब में मैत्रा ने क्या कहा था?
UNGA में इमरान के भाषण के बाद अपने जवाब में विदिशा मैत्रा ने उनकी धज्जियां बिखेर दी थीं। भारत के जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए उन्होंने कहा था, "पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया। इमरान खान का भाषण भड़काऊ और उनकी बोली हर बात झूठ है। उनका भाषण नफरत से भरा था। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देकर इमरान एक छोटे नेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं।"
आतंकवाद पर पूछे तीखे सवाल
मैत्रा ने पाकिस्तान पर सबसे तीखा हमला आतंकवाद को लेकर किया। उन्होंने कहा, "क्या पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करेगा कि वो दुनिया का एकमात्र देश है जो वैसे शख्स को पेंशन देता है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अल कायदा और ISIS जैसे आतंकियों की लिस्ट में रखा है? क्या प्रधानमंत्री इमरान खान न्यूयॉर्क शहर को ये बात बताना नहीं चाहेंगे कि वे ओसामा बिन लादेन के खुलेआम समर्थक रहे हैं?"
मैत्रा ने कहा, 130 प्रतिबंधित आतंकवादी पाकिस्तान में रह रहे
आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरना जारी रखते हुए मैत्रा ने कहा था, "क्या UN द्वारा प्रतिबंधित 130 आतंकवादी और 25 आतंकी संगठन पाकिस्तान में नहीं रह रहे हैं? क्या फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 27 में से 20 मापदंडों का उल्लंघन करने के लिए ब्लैकलिस्ट में नहीं रखा है?" उन्होंने कहा था कि जहां पाकिस्तान आतंकवाद और नफरत की बात कर रहा है, वहीं भारत जम्मू-कश्मीर में विकास लाने की बात कर रहा है।
इमरान खान को किया 'इमरान खान नियाजी' कहकर संबोधित
इमरान खान को 'इमरान खान नियाजी' कहकर संबोधित करते हुए मैत्रा ने 1971 की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, "हमें 1971 में पाकिस्तान के अपने ही लोगों के नरसंहार और इसमें लेफ्टिनेंट जनरल एएए के नियाजी की भागेदारी को नहीं भूलना चाहिए।"
इमरान खान ने अपने भाषण में किए थे व्यक्तिगत हमले
बता दें कि इमरान खान ने अपने 50 मिनट के भाषण में आधे से ज्यादा समय भारत और कश्मीर को दिया था और एक अंतरराष्ट्रीय मंच से बेहद व्यक्तिगत हमले किए थे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को एडॉल्फ हिटलर और नाजी जर्मनी से प्रेरित बताया था। अपने भाषण में उन्होंने परमाणु युद्ध और खून-खराबे का डर दिखाते हुए कहा था, "कर्फ्यू उठने के बाद कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी। क्या मोदी ने सोचा कि तब क्या होगा?"