तुर्की-सीरिया भूकंप: मरने वालों की संख्या 29,000 के पार, UN का आंकड़ा दोगुना होने का अनुमान
तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 29,000 के पार पहुंच चुकी है। वहीं समय के बीतने के साथ मलबे में दबे लोगों के जीवित होने की उम्मीद भी कम होती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने मौतों का आंकड़ा दोगुना होने की आशंका जताई है। बता दें कि तुर्की में पहले भी कई शक्तिशाली भूकंप आ चुके हैं, लेकिन यह सदी का सबसे विनाशकारी भूकंप साबित हुआ है।
तुर्की और सीरिया में हुई कितने लोगों की हुई मौत?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की में अब तक 24,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सीरिया में 3,500 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। बचावकर्मियों का कहना है कि भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और घरों और इमारतों के मलबे के नीचे अभी भी कई लोग दबे हुए हैं, जिन्हें बचाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
मरने वालों की वास्तविक संख्या का अंदाजा लगाना मुश्किल- UN अधिकारी
संयुक्त राष्ट्र की सहायता इकाई के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स शनिवार को भूकंप प्रभावित तुर्की के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में भूकंप से मरने वालों की संख्या दोगुना हो सकती है। ग्रिफिथ्स ने कहा, "फिलहाल मरने वालों की वास्तविक संख्या का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि अभी जो मृतकों की संख्या हम देख रहे हैं, उसके मुकाबले में मृतकों की संख्या दोगुनी या उससे अधिक हो सकती है।"
तुर्की में भूकंप के बाद बढ़ीं लूटपाट की घटनाएं
AP के मुताबिक, तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद कई इलाकों में चोरी और लूटपाट की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। बतौर रिपोर्ट्स, तुर्की के आठ अलग-अलग प्रांतों में लूटपाट करने के आरोप में करीब 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि दक्षिण-पूर्वी तुर्की के 10 प्रांतों में तीन महीने के लिए आपातकालीन स्थिति की घोषणा हो रखी है।
सुरक्षा स्थिति के चलते ऑस्ट्रिया और जर्मनी ने तुर्की में रोका बचाव अभियान
भूकंप प्रभावित तुर्की में राहत और बचाव कार्य के लिए पहुंची ऑस्ट्रिया और जर्मनी की टीमों ने अपने बचाव अभियान को रोक दिया है। ऑस्ट्रिया और जर्मनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि ऑस्ट्रियाई और जर्मन बचावकर्मियों ने विभिन्न गुटों के बीच हो रहे संघर्ष के कारण बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के चलते अपना अभियान रोक दिया है। इन दोनों देशों की टीमें अब अपनी वापसी की तैयारी कर रही हैं।