लोकसभा में बोले गृहमंत्री अमित शाह- जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है PoK, इसके लिए जान दे देंगे
सरकार ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के बाद इसे लोकसभा में पेश किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्यसभा में मंजूरी के बाद इस बिल को लोकसभा में रखा गया है। इस बिल पर चर्चा के दौरान शाह और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी में जमकर बहस हुई। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपने जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में तोड़कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।
जम्मू-कश्मीर में बनेंगे दो केंद्र शासित प्रदेश
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में सोमवार को पारित हो चुका है। सदन के उच्च सदन में इस बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे। यह कानून बनने के बाद जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हो जाएगा।
अधीर रंजन चौधरी और अमित शाह में जोरदार बहस
चर्चा के दौरान चौधरी ने कहा कि कश्मीर को सरकार अंदरूनी मामला बताती है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र वहां 1948 से निगरानी कर रहा है। इस पर शाह ने चौधरी को टोकते हुए कहा कि आप ये स्पष्ट कर दें कि ये कांग्रेस का स्टैंड है कि संयुक्त राष्ट्र कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है। शाह ने बार-बार अपनी बात दोहराई। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद चौधरी ने कहा कि उन्होंने सरकार से केवल स्पष्टीकरण मांगा है।
जम्मू-कश्मीर पर कोई विवाद नहीं- शाह
शाह ने कहा कि यह मामला 1948 में संयुक्त राष्ट्र में पहुंचाया गया था। फिर इंदिरा गांधी ने शिमला समझौते में इसे शामिल किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कोई संवैधानिक या कानूनी विवाद नहीं है।
PoK और अक्साई चिन जम्मू-कश्मीर का हिस्सा- शाह
PoK पर जान दे देंगे- शाह
चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कांग्रेस से पूछा कि क्या वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत का हिस्सा नहीं मानते। वह इसके लिए जान देने को तैयार हैं। शाह ने कहा, "मैं सदन में जब-जब जम्मू और कश्मीर राज्य बोला हूं, तब-तब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन दोनों इसका हिस्सा हैं।" उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने कल एक संवैधानिक आदेश जारी किया है जिसके तहत भारत के संविधान के सारे अनुबंध जम्मू कश्मीर में लागू होंगे।
यहां सुनिये अमित शाह का बयान
मनीष तिवारी ने फैसले को बताया संवैधानिक त्रासदी
कांग्रेस की तरफ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा करते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के लिए वहां की विधानसभा से राय नहीं ली गई। आज इस सदन में संवैधानिक त्रासदी हो रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार ने आंध्र प्रदेश से तेलंगाना को अलग करने से पहले आंध्र प्रदेश विधानसभा की राय ली गई थी, जो जम्मू-कश्मीर विधानसभा से नहीं ली गई।